कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार को भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि मतदाताओं को लोकसभा चुनाव के अंतिम दो चरणों में पार्टी को हरा कर बाहर से पश्चिम बंगाल आने वाले प्रवासी नेताओं को उचित सबक सिखाना चाहिए. इस दिन जयनगर की तृणमूल उम्मीदवार प्रतिमा मंडल के समर्थन में उन्होंने दक्षिण 24 परगना के जयनगर में आयोजित एक सभा में दावा किया कि राज्य में आने वाले ‘बाहरी लोग’ पश्चिम बंगाल की समृद्ध परंपरा और संस्कृति से अवगत नहीं हैं. वोट मांगने के लिए यहां आने वाले प्रवासी नेताओं को सही सबक सिखाया जाना चाहिए. उन्हें राज्य की परंपरा और संस्कृति के बारे में जरा भी जानकारी नहीं है. तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी ने यह भी दावा किया कि भाजपा के विसर्जन का समय आ गया है. लोगों ने स्वत: स्फूर्त रूप से भाजपा के खिलाफ मतदान किया है. चुनाव के बाद केंद्र में एक नयी सरकार बनेगी, जो लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील होगी. उनका आरोप है कि राज्य में रैलियों में अपने भाषणों के दौरान भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने राज्य में 30 से 35 सीटों पर जीत का आह्वान किया. जिसके बाद वे पश्चिम बंगाल में निर्वाचित सरकार को गिराने का प्रयास करेंगे. यह बिल्कुल अकल्पनीय है कि भाजपा इतने निचले स्तर तक कैसे गिर सकती है. केंद्र की तानाशाह सरकार को उखाड़ फेंकने का समय आ गया है. उन्होंने कहा : वर्ष 2021 में विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद से केंद्र सरकार ने मनरेगा जैसी कई केंद्रीय योजनाओं के तहत राज्य के लोगों को पैसे नहीं दिये. लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने अपने कोष से लोगों को भुगतान किया. पश्चिम बंगाल में सत्ता में आना चाह रही भाजपा राज्य की महिलाओं के लिए प्रमुख सामाजिक कल्याण योजना ‘लक्खी भंडार’ को भी बंद करना चाहती है. मैं दृढ़ता से कहना चाहता हूं कि भाजपा बंगाल में कभी सत्ता में नहीं आयेगी और धरती पर ऐसी कोई ताकत नहीं है, जो लक्खी भंडार के तहत भुगतान रोकने की हिम्मत कर सके. तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा : चुनाव परिणाम के बाद केंद्र में सत्ता संभालने वाली ‘इंडिया’ गठबंधन सरकार जनता के साथ रहेगी और उनके हितों का ध्यान रखेगी. हाल में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के प्रमाण पत्र रद्द किये जाने का जिक्र करते हुए तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री पहले ही कह चुकी हैं कि राज्य में इस तरह का कोई प्रमाण पत्र रद्द नहीं किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी.
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