हावड़ा मेट्रो स्टेशन में प्रवेश व निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आरपीएफ ने हटाया अतिक्रमण

मंगलवार को रेलवे सुरक्षा बल द्वारा हावड़ा रेलवे स्टेशन पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया. रेलवे कोर्ट व जीआरपी कार्यालय के सामने स्थित चाय की दुकान और फल वालों को वहां से हटाया दिया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | April 10, 2024 12:59 AM

कोलकाता. मंगलवार को रेलवे सुरक्षा बल द्वारा हावड़ा रेलवे स्टेशन पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया. रेलवे कोर्ट व जीआरपी कार्यालय के सामने स्थित चाय की दुकान और फल वालों को वहां से हटाया दिया गया. अस्थायी शेड और हॉकरों के अवैध निर्माण को भी आरपीएफ ने हटा दिया. अचानक चले अतिक्रमण हटाओ अभियान से हॉकरों में खलबली मच गयी. इस दौरान जीआरपी थाने के सामने भारी संख्या में रेलवे सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया गया था. अभियान के दौरान मौके पर डीआरएम हावड़ा मंडल संजीव कुमार के साथ रेलवे सुरक्षा बल और वाणिज्यिक और इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे. इस दौरान रेलवे कोर्ट-हावड़ा मंडल के मजिस्ट्रेट सौरभ नंदी ने बताया कि रेलवे द्वारा मोहरियों के बैठने और कैंटिन का इंतजाम बेहतर स्थान पर करने का आश्वासन दिया गया है. हावड़ा मंडल के डीआरएम संजीव कुमार ने बताया कि ईस्ट-वेस्ट मेट्रो का पार्ट हावड़ा मैदान से एस्प्लानेड तक मेट्रो का परिचालन शुरू होने के बाद हावड़ा स्टेशन पर लोकल पैसेंजरों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. मेट्रो में प्रवेश व निकास का रास्ता डीआरएम बिल्डिंग के पास से निकाला गया है. ऐसे में अवैध हॉकरों के होने से आम यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. धीरे-धीरे प्रवेश और निकास व्यवस्था को और दुरुस्त करने का काम चेजी से चल रहा है.

डीआरएम बिल्डिंग भी होगी शिफ्ट, रेल म्यूजियम के पास चल रहा नये भवन का निर्माण कार्य :

ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना के तहत हावड़ा मेट्रो स्टेशन बनने के बाद हावड़ा स्टेशन पर अमुलचूक परिवर्तन देखने को मिल रहा है. जहां हावड़ा स्टेशन से पार्सल एरिया को दूसरे स्थान पर शिफ्ट कर खाली स्थान को मेट्रो में प्रवेश और निकास का रास्ता बना दिया गया है, वहीं खबर यह भी है कि जल्द ही हावड़ा डीआरएम बिल्डिंग को भी शिफ्ट किया जायेगा. रेलवे अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार हावड़ा रेल म्यूजियम के पास हावड़ा मंडल का मुख्यालय की नयी डीआरएम बिल्डिंग तैयार की जा रही है. बताते हैं कि 80 प्रतिशत काम पूरा भी हो चुका है.

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