श्रीकांत शर्मा, कोलकाता
हादसे के बाद हावड़ा-सीएसएमटी मुंबई मेल में यात्रा कर रहे साहेब आलम ट्रेन के बाथरूम में घंटों बेहोश पड़े रहे. वह बताते हैं कि अचानक उन्हें होश आया और वह किसी तरह से खुद को ट्रेन के क्षतिग्रस्त बाथरूम से बाहर निकाला. साहेब के सिर, कमर और शरीर के अन्य हिस्सों में चोट आयी है. फिलहाल वह दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर मंडल रेल अस्पताल में भर्ती हैं. कोलकाता के उत्तर दिनाजपुर के रहनेवाले साहेब आलम नवी मुंबई में पिछले 24 वर्षों से फल व जूस की दुकान चलाते हैं. पिछले दिनों वह अपने गांव आये हुए थे. छुट्टियां बिताकर वह घर लौट रहे थे, लेकिन तभी दुर्घटना के शिकार हो गये. साहेब बताते हैं कि सोमवार को वह मुंबई मेल में हावड़ा स्टेशन से रवार हुए थे. ट्रेन अपने समय से तीन घंटे लेट रात 10.30 बजे हावड़ा स्टेशन से रवाना हुई थी. बी-5 बोगी में उनकी सीट 45 नंबर थी.मंगलवार तड़के 3.45 बजे जब ट्रेन चक्रधरपुर मंडल के बड़ाबंबो और राजखोड़ा स्टेशन के पश्चिम केबिन के मध्य थी, तभी ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. दुर्घटना के वक्त वह बाथरूम में थे. बाथरूम में उन्होंने एक जोरदार आवाज सुनी. ऐसा लगा कि पूरी ट्रेन कांप गयी है. बाथरूम में भी चीजें इधर-उधर बिखर गयीं. मेरे सिर और अन्य हिस्सों में गंभीर चोट लगी. उसके बाद मुझे होश नहीं रहा. काफी देर बाद जब मुझे जब होश आया, तो मैं खुद को टिन और पानी की टंकी के नीचे दबा पाया. मेरा शरीर पूरी तरह से भीगा हुआ था. होश आने के बाद मैं खुद को किसी तरह से बाहर निकाला. साहेब बताते हैं कि उनकी बोगी पूरी तरह से यात्रियों से भरी हुई थी. ट्रेन में इतनी ज्यादा भीड़ थी कि कई कोच आरएसी भी थे. वह बताते हैं कि उनकी बोगी में यात्रा कर रहे कई लोगों को गंभीर चोट लगी है. चक्रधरपुर अस्पताल में उनके साथ 18 लोग भर्ती हैं.
इस बीच, घटना की खबर लगते ही साहेब के भांजे अहमद रेजा ने हावड़ा स्टेशन और चक्रधरपुर मंडल में फोन कर अपने मामा की सलामती की जानकारी ली.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है