मतदान आंकड़े का खुलासा नहीं करने पर चिंता

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक रिपोर्ट का हवाला दिया है, जिसके मुताबिक, आयोग ने शीर्ष अदालत से कहा है कि फॉर्म 17सी के तहत मतदान आंकड़े का खुलासा करने में समय लगेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | May 23, 2024 11:21 PM

कोलकाता/नयी दिल्ली.

तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने गुरुवार को निर्वाचन आयोग पर ‘बेशर्मी से’ कुल मतदान आंकड़ा छुपाने का आरोप लगाया. गोखले की टिप्पणी से एक दिन पहले आयोग ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि मतदान केंद्र-वार आंकड़े के ”अविवेकपूर्ण खुलासे” और इसे वेबसाइट पर पोस्ट करने से उस चुनावी मशीनरी में अफरातफरी फैल जायेगी, जो मौजूदा लोकसभा चुनाव में जुटी हुई है. तृणमूल सांसद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक रिपोर्ट का हवाला दिया है, जिसके मुताबिक, आयोग ने शीर्ष अदालत से कहा है कि फॉर्म 17सी के तहत मतदान आंकड़े का खुलासा करने में समय लगेगा. गोखले ने अपने पोस्ट में कहा कि आयोग द्वारा प्रकाशित ‘निर्वाचन अधिकारियों के लिए पुस्तिका’ में कहा गया है कि सभी रिटर्निंग अधिकारी मतदान के बाद क्लोज बटन दबायें, जिससे कुल पड़े वोट प्रदर्शित होंगे और उसे तत्काल फॉर्म 17 में दर्ज किया जाये. उन्होंने पोस्ट में कहा : बेहद महत्वपूर्ण और चिंताजनक, कैसे निर्वाचन आयोग खुलेआम उच्चतम न्यायालय में कथित झूठ बोल रहा है. कुल मतदान आंकड़ा (फॉर्म 17) का खुलासा नहीं करने के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय ने आयोग से पूछा कि इस चुनाव में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है.

ध्यान दें कि ये संख्या पिछले सभी लोकसभा चुनावों में तुरंत उपलब्ध करायी गयी थी. आयोग ने शीर्ष अदालत में कहा : कोई मसला नहीं है, लेकिन इसमें समय लगता है. सच क्या है? ‘निर्वाचन अधिकारियों के लिए पुस्तिका’ का हवाला देते हुए गोखले ने कहा : उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि निर्वाचन अधिकारी को बस ”क्लोज बटन दबाना” है और फॉर्म 17 में दर्ज किये जाने वाले मतों की कुल संख्या तुरंत प्रदर्शित हो जायेगी, तो इसमें कितना समय लगता है? वस्तुतः तीन सेकेंड. निर्वाचन आयोग उच्चतम न्यायालय में खुलेआम झूठ क्यों बोल रहा है? कुल मतों का आंकड़ा इतनी बेशर्मी से क्यों छुपाया जा रहा है? कुछ बहुत ही गड़बड़ हो रही है और निर्वाचन आयोग सक्रिय रूप से इसका हिस्सा बन रहा है. उच्चतम न्यायालय ने इस आरोप को गलत और भ्रामक बताते हुए खारिज किया कि लोकसभा चुनाव के पहले दो चरण में मतदान के दिन जारी किये गये आंकड़ों और बाद में दोनों चरणों में से प्रत्येक के लिए जारी प्रेस विज्ञप्ति में पांच-छह प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी.

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