नगरपालिका में नियुक्ति घोटाला. सीबीआइ ने किया बड़ा दावासीबीआइ ने मामले में अलीपुर अदालत स्थित स्पेशल सीबीआइ कोर्ट में आरोपपत्र किया दाखिल संवाददाता, कोलकाता राज्य में विभिन्न नगरपालिकाओं में हुईं नियुक्तियों के घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने मामले में अलीपुर अदालत स्थित स्पेशल सीबीआइ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया. आरोपपत्र में सीबीआइ ने विवरण के साथ बताया है कि नियुक्तियों में अनियमितताएं कैसे शुरू हुईं. सूत्रों के अनुसार, उक्त आरोपपत्र में बताया गया कि पहला संदेह तब पैदा हुआ, जब पाया गया कि अलग-अलग ग्रेड्स के पदों की लिखित परीक्षा के लिए एक जैसे प्रश्न पूछे गये थे. ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों के लिए पूछे गये प्रश्न शत-प्रतिशत एक जैसे थे, जो नियुक्ति परीक्षा आयोजित करने के किसी भी प्रोफेशनल तरीके में कल्पना से परे हैं. प्रश्न पत्र तैयार करने में विशेषज्ञ ने आउटसोर्स एजेंसी की नहीं ली मदद :सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से यह भी बताया गया कि मामले में दूसरा संदेह तब पैदा हुआ, जब प्रश्नों के पैटर्न को देखा गया. उससे साफ हो गया कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रश्न पत्र तैयार करने में विशेषज्ञता और अनुभव रखने वाली किसी भी विशेषज्ञ आउटसोर्स एजेंसी की ओर से कोई प्रोफेशनल टच नहीं किया गया था. जांच और कई लोगों से पूछताछ के दौरान पता चला कि इस मामले में किसी विशेषज्ञ आउटसोर्स एजेंसी को नियुक्त करने के बजाय, विभिन्न पदों के लिए प्रश्न पत्र तैयार करने का कार्य निजी प्रमोटर अयन शील के मालिकाना हक वाली एजेंसी को दिया गया था. अयन शील नगरपालिकाओं और स्कूलों में हुईं नियुक्तियों के घोटाले के आरोपियों में से एक माना जाता है. शिक्षक नियुक्ति घोटाले में उसकी गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने राज्य के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में हुईं नियुक्तियों के घोटाले में संलिप्तता के संबंध में पिछले साल मार्च में शील को गिरफ्तार किया था. वह पहले से ही न्यायिक हिरासत में है.
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