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सुर्खियों में पश्चिम बंगाल का संदेशखाली, शेख शाहजहां की गिरफ्तारी का बढ़ा दबाव

नंदीग्राम के आंदोलन ने रही-सही कसर पूरी कर दी. बंगाल में वाममोर्चा के 34 साल लंबे शासनकाल का अंत हो गया. लोग अभी सिंगूर और नंदीग्राम को भूल ही रहे थे कि अब संदेशखाली की घटना ने सबको आंदोलित कर दिया है.

By Mithilesh Jha | February 28, 2024 10:11 AM

पश्चिम बंगाल को क्रांतिकारियों की भूमि माना जाता है. बंगाल की धरती ने देश के कई चर्चित क्रांतिकारियों को पाला-पोसा है. अन्याय-अत्याचार के खिलाफ आंदोलन के लिए बंगाल हमेशा चर्चा में रहा है. आंदोलन चाहे जैसा भी हो, बंगाल के नागरिकों के बिना मानो उसे अपेक्षित ऊंचाई नहीं प्राप्त होती. स्वदेशी से लेकर सिपाही विद्रोह तक जैसे आंदोलनों में यहां के लोगों की भूमिका ऐतिहासिक मानी जाती है. 18 साल पहले भी वाममोर्चा के शासनकाल में हुए सिंगूर आंदोलन ने लगभग पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था. इस आंदोलन ने तत्कालीन सरकार की चूलें हिला दी थीं. उसके कुछ ही समय बाद 2007 में शुरू हुए. नंदीग्राम के आंदोलन ने रही-सही कसर पूरी कर दी. बंगाल में वाममोर्चा के 34 साल लंबे शासनकाल का अंत हो गया. लोग अभी सिंगूर और नंदीग्राम को भूल ही रहे थे कि अब संदेशखाली की घटना ने सबको आंदोलित कर दिया है. पेश है अमर शक्तिमनोरंजन सिंह की रिपोर्ट.

संदेशखाली का लगातार बढ़ रहा है गुस्सा

संदेशखाली के लोगों का गुस्सा इस कदर बढ़ रहा है कि लोग तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां और उसके साथियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सड़क पर उतर आए हैं. सड़क से लेकर थानों तक प्रदर्शन कर रहे हैं. संदेशखाली के अलग-अलग इलाकों में रैलियां होने लगीं. इस मुद्दे को विपक्षी दलों ने भी लपक लिया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यव्यापी आंदोलन शुरू कर दिया है. इस बीच लोगों ने एसपी से लेकर कमिश्नर तक के दफ्तर का घेराव किया. ‘बंग विवेक’ नामक एक संगठन ने भी संदेशखाली के अपराधियों को सजा दिलाने की मांग की है.

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शुरू हुआ गिरफ्तारी का सिलसिला

संदेशखाली मामले को लेकर ग्रामीणों और राजनीतिक दलों के आंदोलन के दबाव में गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हुआ. पहली गिरफ्तारी 10 फरवरी को हुई. तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी के आरोपी नेता उत्तम सरदार को उत्तर 24 परगना जिला परिषद सदस्य व तृणमूल के अंचल अध्यक्ष पद से छह साल के लिए सस्पेंड कर दिया. इसके कुछ ही घंटे बाद पुलिस ने संदेशखाली से उसे गिरफ्तार कर लिया. उसी दिन भाजपा नेता विकास सिंह को भी पकड़ लिया गया. उसे तणमूल नेता शिबू हाजरा द्वारा दर्ज करायी गयी एक शिकायत के आधार पर दबोचा गया.

जमानत के बाद फिर गिरफ्तार हुए उत्तम और शिबू

उत्तम और शिबू, दोनों को सोमवार को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद फिर से अलग-अलग मामलों में तत्काल कोर्ट के बाहर से पुलिस ने धर दबोचा. 11 फरवरी को संदेशखाली से माकपा के पूर्व विधायक निरापद सरदार को भी हिंसा फैलाने, तोड़फोड़ व आगजनी में लिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.

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पूर्व विधायक को न्यायिक हिरासत में भेजा

उधर, शिबू के पोल्ट्री फार्म में हुई आगजनी के एक मामले में शिबू के मैनेजर भानू मंडल की शिकायत के आधार पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले में पूर्व विधायक को 26 फरवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. ज्ञात हो कि 17 फरवरी को महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद फरार शेख शाहजहां के करीबी शिबू हाजरा को गिरफ्तार कर लिया गया. यहां विरोध प्रदर्शन व आंदोलन के दौरान पुलिस के साथ धक्का-मुक्की व झड़प के मामलों में भी एक-एक कर पुलिस ने अब तक 17 लोगों को पकड़ लिया है.

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