दुर्गापुर. शहर के सिटी सेंटर स्थित दुर्गापुर नगर निगम (डीएमसी) मुख्यालय के सामने इंटक समर्थित डीएमसी कैजुअल सफाईकर्मी यूनियन की ओर से वेतन बढा़ने समेत कई मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. फिर आठ सूत्री मांगों पर केंद्रित एक ज्ञापन, निगम अधिकारी को सौंपा गया. प्रदर्शन के पहले इलाके में विरोध रैली निकाली गयी, जो गांधी मोड़ सर्कस मैदान से लेकर विभिन्न इलाकों से होते हुए निगम मुख्यालय के पास पहुंची. प्रदर्शन के दौरान दुर्गापुर शहर के समस्त वार्डों में कार्यरत सैकड़ों सफाईकर्मी मौजूद थे. प्रदर्शन के दौरान यूनियन के सचिव देवाशीष साहा ने कहा कि डीएमसी के अधीन काम करनेवाले सफाईकर्मियों का वेतन आसनसोल नगर निगम की तुलना में कम है. एक ही जिला में दो नगर निगम में सफाईकर्मियों के वेतन में असमानता क्यों है? उन्होंने दावा किया कि आसनसोल नगर निगम के सफाईकर्मियों की हर दिन की मजदूरी 347 रुपये है. जबकि दुर्गापुर नगर निगम के सफाईकर्मियों की हर दिन की मजदूरी 202 रुपये है. इस असमानता को दूर करने के लिए यूनियन की ओर से एक वर्ष पहले प्रदर्शन करते हुए वेतन बढ़ोतरी की मांग की गयी थी. लेकिन एक वर्ष पूरा होने के बाद भी अभी तक दुर्गापुर के सफाईकर्मियों का वेतन नहीं बढ़ाया गया है. सफाईकर्मियों ने चेतावनी दी कि निगम प्रशासन को सात दिनों के अंदर उन लोगों का वेतन बढ़ाना होगा, अन्यथा यूनियन की ओर से निगम के खिलाफ आमरण अनशन किया जायेगा. दुर्गापुर नगर निगम के अधीन 43 वार्ड हैं. इनमें करीब 1852 सफाईकर्मी काम करते हैं. सफाईकर्मियों का वेतन कम है, ऊपर से वे लोग कई सुविधाओं से वंचित हैं. सफाईकर्मियों को ईएसआइ, पीएफ की सुविधा नहीं मिलती है. शिकायत है कि नालों में काम करनेवाले कर्मचारियों को ड्रेस भी देने में निगम प्रशासन कोताही बरतता है. यह भी शिकायत है कि सफाई के साथ कई तरह के अन्य कार्य करने का भी उन पर दबाव बनाया जाता है. निगम प्रशासन की कथित उदासीनता से सफाईकर्मियों को मुश्किलों से जूझना पड़ रहा है. शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान इंटक(डीएसपी यूनिट) के संयुक्त सचिव रजत दीक्षित सहित कई श्रमिक नेता मौजूद थे. इस बाबत पूछने पर निगम की प्रशासक मंडली की सदस्य राखी तिवारी ने वेतन में असमानता को नकारते हुए कहा कि पूरे राज्य में सफाईकर्मियों का वेतन एक समान है. सरकार ने सफाईकर्मियों की सूडा प्रोजेक्ट के तहत नियुक्ति की है. नगर निगम से सफाईकर्मियों का सीधा संपर्क नहीं है. सूडा प्रोजेक्ट के तहत निर्मल बंधु के अधीन कार्यरत सफाईकर्मियों को 202 रुपये, निर्मल साथी के अधीन 303 रुपये और वाहन चालकों को 404 रुपये दिये जाते हैं. यही वेतन राज्यभर के सभी निगमों के अधीन काम करनेवाले सफाईकर्मियों को मिलता है. इंटक का आंदोलन राजनीति से प्रेरित है.
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