सड़कों से बसें नदारद, स्कूली बसों को भी लगाया जा रहा चुनाव ड्यूटी पर

जैसे-जैसे मतदान प्रक्रिया आग बढ़ रही है, वाहनों को चुनावी ड्यूटी में लगाने का काम और तेज हो रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 29, 2024 1:46 AM

कोलकाता. जैसे-जैसे मतदान प्रक्रिया आग बढ़ रही है, वाहनों को चुनावी ड्यूटी में लगाने का काम और तेज हो रहा है. प्रथम और द्वितीय फेज के बाद तृतीय फेज में लोकसभा निर्वाचन केंद्रों की संख्या बढ़ती जायेगी. ऐसे में वाहनों को लेने की प्रक्रिया और तेज होगी. हालांकि मांग की तुलना में निजी बसों की संख्या पर्याप्त न होने के कारण इस बार प्रशासन स्कूल बसों तक भी चुनावी ड्यूटी में लगा रहा है. एक अधिकारी ने बताया कि पिछले निर्वाचन में स्कूली बसों को चुनावी ड्यूटी से अलग रखा गया था.जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय और क्षेत्रीय परिवहन विभाग के साथ ही यातायात पुलिस, मतदान में उपयोग के लिए वाहनों को नाका चेकिंग के दौरान लेता है. चुनाव के बाद के चरणों में लोकसभा क्षेत्रों की संख्या बढ़ने के साथ कारों की मांग बढ़ रही है. एक अधिकारी ने बताया कि वाहनों की आवश्यकता न केवल सुरक्षा बलों और मतदान कर्मियों के परिवहन के लिए, बल्कि विभिन्न स्तर के अधिकारियों के चुनावी ड्यूटी के लिए होती है.

बसों की संख्या कम होने के कारण पुलिस अब स्कूली वाहनों और व्यावसायिक वाहनों को लिया जा रहा है. पिछले दिनों कई स्कूल बसों को पुलिस नाका चेकिंग के दौरान चुनावी ड्यूटी के लिए बुक कर दिया. भीषण गर्मी के कारण जहां राज्य के अधिकांश सरकारी स्कूल बंद हैं, वहीं कई निजी स्कूलों की उच्च कक्षाएं अभी भी खुली हैं. पिछले दिनों पुलिस पर छात्रों को लेकर वापस जा रही एक बस को चिलचिलाती धूप में रोककर मतदान के लिए कागजातों की जांच करने का आरोप लग रहा है. बताते हैं कि यह घटना दक्षिण कोलकाता के बालीगंज इलाके के एक स्कूल के बस को ड्यूटी सार्जेंट द्वारा रोकने और बस के कागजातों की जांच करने का आरोप लगा है. इस कारण बस करीब आधे घंटे तक रुकी रही.स्कूल बस सड़क पर रुकी होने की जानकारी मिलने पर एक छात्र के अभिभावक आये और अपने बच्चों को साथ ले गयी. इसी स्कूल के एक अभिभावक ने उक्त घटना को सोशल मीडिया पर डाल दिया. तब से यह चर्चा का विषय बना हुआ है.स्कूल के एक छात्रा के पिता रजत दत्ता ने बताया कि स्कूल में उनकी बेटी पढ़ती है. वह स्कूल बस से घर लौट रही थी. काफी देर होने के बाद जब वह नहीं लौटी, तो बस चालकों को फोन किया. जिसके बाद बस को बाइ पास इलाके में रुके होने की जानकारी मिली.

स्कूल बस और स्कूल कार संगठन के लोगों को मुताबिक इस बार सड़क पर बसों की कमी के कारण स्कूल बसों और स्कूल कारों को भी ड्यूटी के लिए लिया जा रहा है. अन्य चुनावों के दौरान स्कूल बसों को मतदान ड्यूटी में नहीं लगा गया था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. पूलकर ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव सुदीप दत्ता ने कहा हालांकि चुनाव के लिए हर बार कम संख्या में गाड़ियां ली जाती हैं, लेकिन इस बार ज्यादा वाहनों को लिया जा रहा है.कुल जानकारों का कहना है कि कोरोना के बाद कई निजी वाहनों के रूटों के बंद होने से बसों की संख्या कम हुई है. ऐसे में हर बार की तुलना में बसों की संख्या कम है.

ड्यूटी में नहीं जाने वाले वाहनों पर कार्रवाई भी होगी

लोकसभा निर्वाचन संपन्न करवाने के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देश पर परिवहन विभाग ने अलग-अलग टीमें बनायी हैं. टीमों के माध्यम से वाहनों का अधिग्रहण कर निर्वाचन ड्यूटी में भेजा जा रहा है. लेकिन परिवहन विभाग द्वारा कुछ गाड़ियों के अधिग्रहण किये जाने के बाद भी गाड़ी मालिक अपने वाहनों को निर्वाचन ड्यूटी में नहीं भेज रहे हैं. ऐसे में खबर है कि परिवहन विभाग अब इन वाहनों के खिलाफ कार्रवाई भी कर सकता है.

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