स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तर सौर ऊर्जा से हो रहे रौशन : मंत्री

राज्य में विभिन्न सरकारी दफ्तर और स्कूल-कॉलेज अब सौर ऊर्जा से रौशन हो रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 26, 2024 1:47 AM

संवाददाता, कोलकाता

राज्य में विभिन्न सरकारी दफ्तर और स्कूल-कॉलेज अब सौर ऊर्जा से रौशन हो रहे हैं. राज्य के गैर-परंपरागत और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत (एनईएस) विभाग ने पहले ही तीन चरणों में राज्यभर में लगभग 3000 स्कूलों और सरकारी भवनों में सौर पैनल स्थापित किया है, जिससे बिजली बिल, पानी के उपयोग और ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी आयी है. गुरुवार को विधानसभा के प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान एनईएस विभाग के मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि पहले और दूसरे चरण में 1960 स्कूलों में सोलर पैनल लगाये गये हैं और सौर ऊर्जा से रौशन हो रहे हैं. जबकि, तीसरे चरण में 990 अन्य स्कूलों को कवर किया गया है. मंत्री ने बताया कि चौथे चरण का कार्य भी जारी है.

इस चरण में राज्य सरकार राज्यभर में 900 सरकारी स्कूलों और 50 कॉलेजों में सौर ऊर्जा से बिजली प्रदान करने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए हम लगभग 74.23 करोड़ रुपये खर्च करेंगे. तीसरे चरण में जिसका काम हमने हाल ही में पूरा किया है. इस चरण में 61.98 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. मंत्री बाबुल सुप्रियो ने आगे कहा कि राज्य एनईएस विभाग के अनुमान के अनुसार, एक शैक्षणिक संस्थान सौर ऊर्जा पर निर्भर होकर सालाना 51,500 रुपये बचा रहा है. इससे पानी की बचत हो रही है. बिजली उत्पादन में भूजल का इस्तेमाल होता है. ऐसे में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से एक स्कूल सालाना 37500 लीटर बचा रहा है. उन्होंने बताया कि स्कूलों को 10 किलो वाट और कॉलेजों को 20 किलो वाट सौर ऊर्जा दी जा रही है. सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से कार्बन उत्सर्जन और ग्रीन हाउस गैस का उत्पादन कम हो रहा है, जिसका सीधा असर हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है. विधानसभा सत्र में कुछ विधायकों ने आवासीय भवनों में सौर ऊर्जा को इस्तेमाल में लाने के लिए सरकारी सहायता से संबंधित प्रश्न उठाये. मंत्री ने कहा कि यह बिजली विभाग का कार्य है, जो आवासीय भवनों में सौर बिजली के मामले की देखरेख करता है. हालांकि उन्होंने विधायकों को इस संबंध में जानकारी देने के लिए राज्य बिजली विभाग के साथ समन्वय करने का आश्वासन दिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version