पूजा के पहले मूर्तिकारों की बढ़ी चिंता

नहीं मिल रही गंगा की मिट्टी, इसके बगैर मूर्तियों की खूबसूरती में कमी की आशंका

By Prabhat Khabar News Desk | July 27, 2024 1:06 AM

आसनसोल. रथ यात्रा बीत जाने के बाद अब लोग दुर्गोत्सव की तैयारियों में जुट गये हैं. राज्य के तमाम पूजा आयोजक खूंटी पूजा का आयोजन कर अपने -अपने पूजा पंडाल बनाने व उसकी साज सजावट करने का काम काम शुरू भी कर चुके हैं. ऐसे में इन पूजा पंडालों में विराजमान होने वाली मां दुर्गा की मूर्तियां बनाने के लिए बंगाल के मूर्तिकारों ने ऑर्डर लेकर मूर्ति बनाने का काम शुरू भी कर दिया है. लेकिन मूर्तिकारों को गंगा की मिट्टी उपलब्ध नहीं हो पा रही है. जिसके कारण मूर्तिकारों की चिंता बढ़ गयी है. मूर्तिकारों ने मूर्तियों के लिए पैसे एडवांस में ले लिये हैं. समय पर यदि वे मूर्तियों को पूजा आयोजकों को न सौंप सकें तो उन्हें भारी समस्या हो जायेगी. मूर्तिकारों के मुताबिक गंगा से मिट्टी कटाई पर सरकार की सख्ती की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है. पहले जो मिट्टी आसानी से उपलब्ध हो जाती थी अब उसके लाले पड़ गये हैं.

पहली बार आयी ऐसी आफत ः आसनसोल के मोहिशीला कालोनी के रहने वाले मूर्तिकार अभिजीत रुद्र ने बताया कि 40 से 50 मूर्तियों की बुकिंग उन्हें मिल चुकी है. लेकिन गंगा की मिट्टी उन्हें नहीं मिल रही है. इस वजह से मूर्तियों की फिनिशिंग नहीं हो पा रही है. ऐसा संकट पहली बार देखने को मिला है. लिहाजा वह प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें गंगा की मिट्टी उपलब्ध करायी जाये.

मोहिशीला के रहने वाले एक अन्य मूर्तिकार श्रीकृष्णा रुद्र ने कहा कि उनकी मूर्तियां विदेश भी जाती हैं. विदेश जाने वाली मूर्तियां अधिकांश फाइबर की होती हैं. लेकिन इनकी तादाद काफी कम होती है. अधिकांश मूर्तियां मिट्टी से ही बनती हैं. यूं भी मिट्टी से बनी मूर्तियों की ही पूजा का रिवाज देखने को मिलता है. ऐसे में अगर उन्हें मिट्टी न मिले तो मुश्किल तो होगी ही.

त्योहार के फीका रहने की आशंका

मोहिशीला इलाके में सैकड़ों मूर्तिकार रहते हैं. उनका कहना है कि मिट्टी का ऐसा संकट पहले कभी भी देखने को नहीं मिला. कइयों के पूर्वज भी यही काम करते थे. उन्हें भी ऐसी दिक्कत कभी नहीं हुई. गंगा की चिकनी मिट्टी के बिना मूर्तियां अधूरी रह जायेंगी. किसी तरह मूर्तियों को पूरा कर लिया जाये तो गंगा मिट्टी के बिना उनकी सुंदरता फीकी होगी. इसलिए त्योहार भी फीका रह जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version