‘उच्च माध्यमिक में सर्वोच्च अंक पाने में मददगार साबित होगी सेमेस्टर प्रणाली’
उच्च माध्यमिक शिक्षा पर्षद के अध्यक्ष चिरंजीव भट्टाचार्य ने कहा कि अगले परीक्षा नतीजों में सेमेस्टर प्रणाली छात्रों के लिए काफी मददगार साबित होगी. इस प्रणाली से छात्रों का सिलेबस विभाजित हो जायेगा, जिससे छात्रों पर पढ़ने का बोझ कम होगा.
कोलकाता. उच्च माध्यमिक शिक्षा पर्षद के अध्यक्ष चिरंजीव भट्टाचार्य ने कहा कि अगले परीक्षा नतीजों में सेमेस्टर प्रणाली छात्रों के लिए काफी मददगार साबित होगी. इस प्रणाली से छात्रों का सिलेबस विभाजित हो जायेगा, जिससे छात्रों पर पढ़ने का बोझ कम होगा. इससे उच्च अंक प्राप्त करने वालों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है. छात्र लक्ष्य-उन्मुख अध्ययन पर अधिक ध्यान केंद्रित कर पायेंगे. इस बार उच्च माध्यमिक परीक्षा के नतीजों में सफल 6,79,784 परीक्षार्थियों में से केवल 1.23 प्रतिशत छात्रों ने ही 90 फीसदी या उससे अधिक अंक प्राप्त किये हैं. बाकी छात्र मेरिट स्कोर पाने में सफल नहीं हो पाये. इसे लेकर शिक्षकों की चिंता बढ़ गयी है कि अन्य बोर्ड के छात्रों की तुलना में बंगाल बोर्ड के छात्र पीछे रह सकते हैं. इस पर काउंसिल ने उम्मीद जतायी है कि 2024-25 शैक्षणिक वर्ष में सेमेस्टर प्रणाली की शुरुआत के बाद स्थिति में सुधार होगा. परीक्षा नतीजों में कुल मिलाकर, 8,331 छात्रों को ‘ओ’ ग्रेड यानी एग्रीगेट में 90 से 100 प्रतिशत अंक मिले. हालांकि उच्चतम ग्रेड प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में मामूली वृद्धि हुई है. फिर भी शिक्षकों का मानना है कि स्नातक प्रवेश के लिए अन्य बोर्ड के छात्रों के साथ प्रतिस्पर्धा करते समय बंगाल बोर्ड के छात्रों को नुकसान हो सकता है, क्योंकि अन्य बोर्ड के छात्रों के सर्वोच्च अंक होने पर बंगाल बोर्ड के छात्र पिछड़ जाते हैं. नतीजों पर नजर डालें तो बंगाल में, सफल आइएससी (12वीं) 2024 उम्मीदवारों में से 16.67 प्रतिशत ने कुल मिलाकर 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये हैं. बंगाल बोर्ड की तुलना में यह संख्या काफी अधिक है. काउंसिल के अध्यक्ष चिरंजीव भट्टाचार्य ने कहा कि सेमेस्टर प्रणाली में छात्र 11वीं में दो और 12वीं कक्षा में दो परीक्षाएं देंगे, इससे उन पर पढ़ाई का ज्यादा दबाव नहीं रहेगा और वह ज्यादा स्कोर कर पायेंगे. इस प्रणाली का उद्देश्य बंगाल बोर्ड के छात्रों को दिल्ली बोर्ड के समान राष्ट्रीय जेईई या एनईईटी जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए तैयार करना है.
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