राज्य को झटका, सीबीआइ ही करेगी संदेशखाली की जांच

उच्चतम न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका सोमवार को खारिज कर दी.

By Prabhat Khabar News Desk | July 9, 2024 1:29 AM
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केंद्रीय जांच एजेंसी से बचने की राज्य सरकार की कोशिश हुई नाकामसुप्रीम कोर्ट ने खारिज की तृणमूल सरकार की याचिका सरकार ने कलकत्ता हाइकोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती

संवाददाता, कोलकाता. उच्चतम न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका सोमवार को खारिज कर दी. उच्च न्यायालय ने संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण और जमीन हड़पने के आरोपों पर सीबीआइ जांच का निर्देश दिया था. इसके खिलाफ ही ममता बनर्जी की सरकार ने शीर्ष अदालत का रुख किया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसकी याचिका खारिज किये जाने के साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसी से बचने की राज्य सरकार की कोशिश नाकाम हो गयी. क्योंकि सीबीआइ ही संदेशखाली मामले की जांच करेगी. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सवाल पूछा कि राज्य सरकार को इस मामले में इतनी दिलचस्पी क्यों है? राज्य सरकार किसी को बचाना चाहती है क्या? जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा कि पिछली सुनवाई में जब शीर्ष अदालत ने यह विशेष प्रश्न पूछा था, तो राज्य सरकार के वकील ने कहा था कि मामले को स्थगित किया जाये.

इसके बाद पीठ ने कहा, “धन्यवाद…मामला खारिज किया जाता है.” हाइकोर्ट ने रिपोर्ट पेश करने का दिया निर्देश : उच्च न्यायालय ने सीबीआइ को संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध और जमीन हड़पने के आरोपों की जांच करने और अगली सुनवाई तक एक पूरी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.

क्या है मामला

उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में उस समय राजनीतिक पारा चढ़ गया जब गांव के लोग (जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं) तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता शेख शाहजहां के खिलाफ सड़कों पर उतर आये. उन्होंने शाहजहां और उसके सहयोगियों पर जबरन जमीन हड़पने और महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने आरोप लगाया. बाद में शेख शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया गया. लोकसभा चुनाव में भाजपा ने संदेशखाली मुद्दे को जमकर उठाया था.

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