चिकित्सक को सिम के मिसयूज का दिखाया डर, लूटे 15 लाख रुपये

मोबाइल नंबर भेज बताया कि आपके नाम से जारी सिम का हो रहा दुरुपयोग

By Prabhat Khabar News Desk | May 4, 2024 9:17 PM

आसनसोल.

94 नेताजी सुभाष रोड आसनसोल की निवासी व पेशे से चिकित्सक डॉ. संयुक्ता बागची को साइबर अपराधियों ने डराकर 15 लाख रुपये लूट लिया. डराने के लिए साइबर अपराधियों ने इसबार एकदम नयी कहानी सुनाई. जिससे डॉ. बागची उनके झांसे में आ गयीं. ठगों ने उन्हें एक मोबाइल नम्बर 8945316689 भेजा और खुद को दूरसंचार विभाग का कर्मी बताते हुए कहा कि उक्त नम्बर का सिमकार्ड आपके आइडी का उपयोग करके लिया गया है और इस नम्बर का उपयोग साइबर ठग कर रहे हैं. इस नम्बर की मदद से वे अवैध गतिविधियों/साइबर ठगी/पोर्नोग्राफी करने के लिए निर्दोष लोगों को कॉल करके इसका दुरुपयोग कर रहे हैं. जिसे लेकर डॉ. बागची पर मामला करने का डर दिखाकर उनके साथ आगे होनेवाली कार्रवाई को लेकर काफी आतंकित किया. इस सब से बचने के लिए उसने पैसे देकर समझौता करने की बात कही. उस दौरान डॉ. इतनी डरी हुई थी कि उनकी सारी बात मान ली और अपने यूको बैंक तथा एचडीएफसी बैंक खातों से उन्हें 15 लाख रुपये का भुगतान कर दिया. कुछ देर बाद उन्हें अहसास हुआ कि वह साइबर ठगी की शिकार हुई हैं. उन्होंने तुरंत साइबर क्राइम थाना आसनसोल में आकर इसकी शिकायत दर्ज करायी. उनकी शिकायत के आधार पर कांड संख्या 40/24 में आइपीसी की धारा 419/420/406/120बी के तहद प्राथमिकी दर्ज हुई है. पुलिस उपायुक्त (वेस्ट सह साइबर क्राइम) आशीष मौर्य ने कहा पुलिस लोगों को लगातार जागरूक कर रही है, इसके बावजूद लोग साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस रहे है. फोन पर एसप्रकार कोई भी यदि किसी को डर दिखाता है तो उसके झांसे में न पड़े, तुरन्त पुलिस को सूचित करें. बाद में पुलिस को सूचित करने से अच्छा है कि पहले सूचित करें. इससे ठगी के शिकार होने से बच जाएंगे. डॉ. बागची के मामले में सूचना तुरंत मिल जाने के कारण पुलिस अपनी सारी कार्रवाई कर चुकी है. उम्मीद है परिणाम बेहतर होगा.साइबर अपराधियों ने लोगों को लूटने के लिए हर समय नये-नये फार्मूलों का इस्तेमाल कर रहे हैं और लोग उसमें आसानी से फंस रहे हैं. डॉ. बागची को लूटने के लिए साइबर अपराधियों ने उन्हें डर की नई कहानी उन्हें सुनाई. डॉ. बागची ने बताया कि तीन मई 2024 को सुबह नौ बजे उनके मोबाइल नम्बर पर अज्ञात नम्बर से फोन आया और फोन करनेवाले ने खुद को दूरसंचार विभाग मुंबई का कर्मी बताकर बात की और उक्त कहानी बताकर इस कदर डराया कि उस दौरान कुछ सोचने समझने की कोई शक्ति काम नहीं की. उसके साथ समझौता करके 15 लाख रुपये दे दिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version