Lok Sabha Election 2024 : पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर लोकसभा सीट (lok sabha seat) पर पूर्व दामाद एवं पूर्व ससुर के बीच दिलचस्प सियासी जंग देखने को मिलेगी. भाजपा ने यहां से कबीर शंकर बोस को टिकट दिया है, जबकि तृणमूल ने वकील कल्याण बनर्जी को मैदान में उतारा है. दोनों ही अधिवक्ता हैं और रिश्तेदार भी रह चुके हैं. श्रीरामपुर में इन दोनों उम्मीदवारों के चुनाव मैदान में उतरने के पीछे एक कारण पारिवारिक लड़ाई भी है. कबीर, कल्याण के पूर्व दामाद हैं. कबीर का विवाह कल्याण की बेटी से हुआ था. लेकिन 2017 में दोनों का तलाक हो गया. क्षेत्र में कबीर की अपनी अलग पहचान है. कबीर पेशे से सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं. 2005 में उन्होंने इंग्लैंड से एलएलबी की डिग्री हासिल की. 2006 में स्विट्जरलैंड स्थित लॉसेन बिजनेस स्कूल से एमबीए किया.
दोनों के बीच राजनीति के साथ-साथ पारिवारिक जंग भी
2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में कबीर शंकर बोस को भाजपा ने श्रीरामपुर से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह तृणमूल उम्मीदवार डॉक्टर सुदीप्त रॉय से करीब 23 हजार वोट से हार गये थे. उसके बाद वह श्रीरामपुर में नहीं दिखे. बताया जा रहा है कि 2010 में कबीर ने कल्याण बनर्जी की बेटी से शादी की थी. हालांकि, यह शादी अधिक दिनों तक नहीं टिक सकी. 2017 में दोनों का तलाक हो गया. इसके बाद कबीर ने 2019 में राजनीति में प्रवेश किया. इस बार कबीर अपने पूर्व ससुर के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं. इससे पहले जब कल्याण बनर्जी ने पार्लियामेंट के बाहर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री की थी, तो उनके पूर्व दामाद ने इसका कड़ा विरोध किया था.
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श्रीरामपुर में पूर्व दामाद और पूर्व ससुर के बीच लड़ाई
इस बार श्रीरामपुर में पूर्व दामाद और पूर्व ससुर के बीच लड़ाई देखने को मिलेगी. कबीर के खिलाफ तालतला एवं श्रीरामपुर थाने में तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. चुनाव आयोग को सौंपे गये हलफनामे के मुताबिक, 2019-20 में कबीर शंकर की आय 19 लाख 19 हजार 410 रुपये थी. उनके पास दो करोड़ 43 लाख 91 हजार रुपये की चल संपत्ति एवं दो करोड़ 62 लाख 50 हजार रुपये की अचल संपत्ति है.
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मंझे व अनुभवी नेता को टक्कर देंगी युवा नेत्री दीप्शिता
श्रीरामपुर सीट से वाममोर्चा ने दीप्शिता धर को अपना उम्मीदवार बनाया है. उनके प्रतिद्वंद्वी हैं तीन बार सांसद रह चुके तृणमूल प्रार्थी कल्याण बनर्जी. दीप्शिता युवा नेता हैं. क्या उनके लिए यह लड़ाई बहुत कठिन है? हालांकि वामपंथी नेता का कहना है कि लड़ाई बिल्कुल भी कठिन नहीं है, क्योंकि वह आम लोगों के बारे में बात करती हैं. उनसे जुड़े मुद्दे उठाती हैं. कल्याण ने हाल ही में चुनाव प्रचार के दौरान कहा था, “ तीन बार बाउंड्री मारी है. चौथी बार भी मैं ही जीतूंगा.” इसके जवाब में भाजपा उम्मीदवार कबीर शंकर ने कहा था कि कल्याण बोल्ड आउट हो गये हैं. वहीं, वाममोर्चा प्रार्थी दीप्शिता ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा,“ वे आइपीएल खेलें. वहां बाउंड्री, ओवर बाउंड्री, कैच आउट, बोल्ड आउट करें.
प्रतिद्वंद्वियों पर किया कटाक्ष, कहा- वे खेला-मेला करें, मैं मेहनतकश लोगों की बात करूंगी
मैं साधारण लोगों की बात, मेहनतकश लोगों की बात करूंगी. वे लोग खेला-मेला करें. मैं आमजनों की पीड़ा के बारे में बोलूंगी.” बता दें कि दीप्शिता माकपा की छात्र यूनियन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) की राष्ट्रीय संयुक्त सचिव हैं. 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में वह बाली सीट से माकपा उम्मीदवार थीं. साथ ही वह एक समाजसेवी एवं मोटीवेशनल स्पीकर के तौर पर भी जानी जाती हैं. बतौर प्रार्थी नाम घोषित होते ही वह चुनाव प्रचार में जुट गयी हैं. प्रचार के दौरान दोपहर में किसी पार्टी कार्यकर्ता या आम जनता के घर में आलू पोस्तो एवं भात खा रही हैं. दीप्शिता ने कहा,“ आमलोग मुझे जो खिला रहे हैं, मैं वह खा रही हूं. मेरी कोई फरमाइश नहीं है. दोपहर का भोजन किसी कॉमरेड के घर या क्षेत्र के किसी व्यक्ति के साथ कर रही हूं. मुझे आलू पोस्तो व भात खाना पसंद है.
विवादों से कल्याण बनर्जी का चोली-दामन का नाता
श्रीरामपुर से तीन बार सांसद चुने गये तृणमूल नेता कल्याण बनर्जी का विवादों से पुराना नाता है. आज भी कल्याण बनर्जी कई मौकों पर ऐसा बोल जाते हैं, जिस पर विवाद खड़ा हो जाता है. विवादों से उनका चोली-दामन का रिश्ता है. चौथी बार तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें श्रीरामपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने को लेकर उनकी काफी आलोचना हुई थी. उन्होंने संसद की सीढ़ियों पर विपक्ष के विरोध-प्रदर्शन के दौरान धनखड़ की नकल की थी, जिसका वीडियो राहुल गांधी ने बनाया था. इसकी भाजपा ने तीखी आलोचना की थी. वहीं, धनखड़ ने भी राज्यसभा में इस पर कड़ी आपत्ति जतायी थी. तृणमूल सांसद द्वारा धनखड़ की नकल करने के विवाद की गूंज संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह सुनायी दी थी.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस घटना पर निराशा व्यक्त की थी. बता दें कि वकील से नेता बने कल्याण बनर्जी अपने आपत्तिजनक बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. उन्होंने बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी टिप्पणी की है. जब जगदीप धनखड़ बंगाल के राज्यपाल थे, तब भी कल्याण ने उनके खिलाफ अपमानजनक बयान किया था. कल्याण बनर्जी तृणमूल सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वफादार समर्थक रहे हैं. वह पहली बार 2001 में बंगाल विधानसभा के सदस्य बने. श्रीरामपुर लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रहे कल्याण पहली बार 2009 में निशाने पर आये थे. तब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के सांस्कृतिक केंद्र नंदन में बिताये गये समय की आलोचना की थी.
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केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के साथ तू-तू-मैं-मैं हो गयी थी
वहीं, 2012 में यूपीए सरकार से तृणमूल के समर्थन वापस लेने के दौरान कल्याण बनर्जी का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की अनुमति के मुद्दे पर तत्कालीन केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के साथ तू-तू-मैं-मैं हो गयी थी. इसके चार साल बाद कोलकाता में भारतीय रिजर्व बैंक कार्यालय के बाहर नोटबंदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बीच कल्याण बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसकी जमकर आलोचना हुई थी. जनवरी 2021 में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले कल्याण ने उत्तर प्रदेश में हाथरस की घटना पर भाजपा की आलोचना करते हुए देवी सीता और भगवान राम का जिक्र कर विवाद खड़ा कर दिया था. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और भाजपा ने कल्याण की तीखी आलोचना की और कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए उनकी तत्काल गिरफ्तारी की भी मांग की थी.
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