विरोध प्रदर्शन के बीच मिरिक पहुंचीं ममता, सीएम ने की पहाड़ के लोगों का दिल जीतने की कोशिश

सिलीगुड़ी. मिरिक नगरपालिका पर तृणमूल के कब्जा जमाने के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल्पतरू वृक्ष की तरह कई परियोजनाओं की बौछार कर दी. इसके साथ ही उन्होंने नाम लिये बगैर गोरखा जनमुक्ति मोरचा को भी सतर्क किया. उन्होंने कहा कि पहाड़ पर बांग्ला भाषा आवश्यक नहीं बल्कि एक्छिक विषय है. कुछ लोग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2017 8:24 AM
सिलीगुड़ी. मिरिक नगरपालिका पर तृणमूल के कब्जा जमाने के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल्पतरू वृक्ष की तरह कई परियोजनाओं की बौछार कर दी. इसके साथ ही उन्होंने नाम लिये बगैर गोरखा जनमुक्ति मोरचा को भी सतर्क किया. उन्होंने कहा कि पहाड़ पर बांग्ला भाषा आवश्यक नहीं बल्कि एक्छिक विषय है. कुछ लोग भाषायी विवाद को बढ़ावा देकर राजनीति कर रहे हैं. मिरिक में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उन्होंने नगरपालिका को करोड़ो रुपये आवंटित करने की घोषणा की.
मिरिक के एले मैदान में बने मंच पर चढ़ते ही मुख्यमंत्री ने कल्पतरू की तरह कई योजनाओं की घोषणा की. अपने संबोधिन में उन्होंने मिरिक लेक की सफाई व साज-सज्जा के लिये 10 करोड़, मिरिक को लाइट से सुज्जित करने के लिये 10 करोड़ रुपये दने की घोषणा की. इसके साथ ही मिरिक के सड़को की मरम्मती के लिये भी उन्होंने 12 करोड़ रूपये आवंटित किये जाने की घोषणा की. मोरचा पर हमला करते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि एक महीने के बाद गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) की मियाद पूरी हो रही है. पहाड़ पर तृणमूल के प्रवेश से कुछ लोगों की जड़ें हिल गयी है. बांग्ला भाषा के खिलाफ मोरचा के आंदोलन को राजनैतिक बताते हुए उन्होंने कहा कि पहाड़ पर बांग्ला भाषा को आवश्यक नहीं किया गया है बल्कि एक्छिक है.

कुछ लोग बांग्ला भाषा को जबरन थोपने का झूठा प्रचार कर पहाड़वासियों को बरगला रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि विद्याथी जितनी भाषाओं का ज्ञान रखेगें उतना ही उनका विकास होगा. इसके अतिरिक्त बंगाल में रहकर बांग्ला भाषा का ज्ञान रखना भी आवश्यक है. मोरचा राज्य सरकार के साथ बराबर संपर्क नहीं रख रही है. मिरिक नगरपालिका में तृणमूल को विजयी बनाने के लिये मिरिक वासियों को धन्यवाद दिया. कार्यक्रम के मंच पर राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव, मंत्री अरुप विश्वास व अन्य उपस्थित थे. इससे पहले पुतला फूंककर गोरखा जनमुक्ति मोरचा ने मिरिक में मुख्यमंत्री का स्वागत किया है. सोमवार शाम को गोजमुमो के विरोध प्रदर्शन के बीच कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मिरिक पहुंचीं. सोमवार से मुख्यमंत्री का पांच दिवसीय पहाड़ दौरा शुरू हो गया है. जिला पुलिस प्रशासन ने मुख्यमंत्री के आस-पास विरोध प्रदर्शन ना हो इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हैं. जबकि मोरचा प्रमुख विमल गुरुंग ने पुलिस पर तानाशाही बरतने का आरोप लगाते हुए पूरे पहाड़ में जोरदार आंदोलन की धमकी दी है.

जानकारी के अनुसार, एक तरफ मुख्यमंत्री का काफिला मिरिक पहुंचा और दूसरी तरफ मोरचा ने कार्यक्रम स्थल से थोड़ी दूर में पर ममता बनर्जी का पुतला फूंककर उनका स्वागत किया. पहाड़ पर अन्य स्थानों से भी ममता के दौरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होने की खबर है. गोजमुमो ने जबरन बांग्ला भाषा पहाड़ पर थोपने का आरोप लगाते हुए यह आंदोलन शुरू किया है. रविवार से शुरु मोरचा का यह आंदोलन मुख्यमंत्री दौरे के अंतिम दिन आठ जून तक जारी रहेगा. मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री दौरे के एक दिन पहले से ही मोरचा ने आंदोलन की शुरुआत कर दी है. सभी विद्यालयों में बांग्लाभाषा की शिक्षा अनिवार्य करने के खिलाफ गोजमुमो का यह आंदोलन है. इतना ही नहीं ममता के दौरे के विरोध में मोरचा ने दो घंटे तक घरों की बिजली नहीं जलने दी. मिरिक नगरपालिका पर कब्जा करने के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दौरे के दौरान पूरा पहाड़ अंधकारमय रहा. अगले आठ जून तक हर शाम दो घंटे के लिये पहाड़ पर बिजली नहीं जला कर अंधेरे द्वारा विरोध जताया जायेगा. इसके अतिरिक्त पहाड़ पर स्थित प्रत्येक विद्यालय के शिक्षक, शिक्षकाओं के साथ विद्यार्थी भी जबरन बांग्ला भाषा थोपने के खिलाफ आंदोलन में शामिल हुए हैं.

मोरचा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षक, शिक्षिकाएं व विद्यार्थियों को विरोध रैली आदि में शामिल नहीं किया जा रहा है. बल्कि अगले आठ जून तक यह सभी अपने बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध जतायेगें.राज्य की मुख्यमंत्री आठ जून तक पहाड़ पर रहेंगी और इस दौरान प्रतिदिन मोरचा पहाड़ के विभिन्न इलाकों में रैली करने का निर्णय लिया है. मोरचा के महासचिव रोशन गिरि ने बताया कि पहाड़ पर बांग्ला माध्यम के कई स्कूल हैं. फिर भी बांग्ला भाषा को सभी स्कूलों में जबरन क्यों थोपा जा रहा है.

सुरक्षा में केंद्रीय बल तैनात
इसबीच,मोरचा के आंदोलन को देखते हुए मुख्यमंत्री की सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं. जिला पुलिस अधीक्षक अमित पी. जवालगी ने बताया कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिये गये हैं. केंद्रीय बलों की भी तैनाती की गयी है. केंद्रीय बलों के अतिरिक्त चार हजार से अधिक जवान ममता की सुरक्षा में तैनात हैं. सरकारी कार्यक्रम में खलल डालने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश जारी किया गया गया है. सोमवार दोपहर करीब ढाई बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बागडोगरा हवाई अड्डे पर पहुंचीं और सड़क मार्ग से मिरिक के लिये रवाना हो गयी. मिरिक में जनसभा को संबोधित कर मुख्यमंत्री दार्जिलिंग जायेंगी. छह व सात जून को भी मुख्यमंत्री पहाड़ पर ही रहेगी. आठ जून को राजभवन में मंत्रिमंडल की बैठक कर 9 जून को कोलकाता के लिए रवाना होगीं.
कोलकाता जायेंगे गोजमुमो विधायक: स्कूलों में बांग्ला भाषा को अनिवार्य करने के विरोध में गोजमुमो के तीनों विधायक कल मंगलवार को कोलकाता रवाना हो रहे हैं. यह सभी विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर उनको ज्ञापन देंगे. यह जानकारी दार्जिलिंग के विधायक अमर सिंह राई ने दी है. श्री राई के अलावा कर्सियांग के विधायक रोहित शर्मा और कालिम्पोंग की विधायक सरिता राई कोलकाता जा रही हैं.

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