पहाड़ पर भी बांग्ला भाषा अनिवार्य करने की मांग

सिलीगुड़ी: पहाड़ पर भी बांग्ला भाषा को अनिवार्य करने की मांग आमरा बंगाली संगठन ने की है. अलग राज्य गोरखालैंड की मांग को अनैतिक बताकर संगठन ने बंगाल में रहते हुए बांग्ला भाषा के खिलाफ विरोध जताने वाले गोरखा जनमुक्ति मोरचा प्रमुख बिमल गुरूंग व महासचिव रोशन गिरि को अविलंब गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2017 9:08 AM

सिलीगुड़ी: पहाड़ पर भी बांग्ला भाषा को अनिवार्य करने की मांग आमरा बंगाली संगठन ने की है. अलग राज्य गोरखालैंड की मांग को अनैतिक बताकर संगठन ने बंगाल में रहते हुए बांग्ला भाषा के खिलाफ विरोध जताने वाले गोरखा जनमुक्ति मोरचा प्रमुख बिमल गुरूंग व महासचिव रोशन गिरि को अविलंब गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. अलग राज्य की मांग को हवा देकर पहाड़ की शांति को नष्ट करने का आरोप लगाकर आमरा बंगाली ने गोजमुमो प्रमुख बिमल गुरुंग का पुतला फूंका.

शनिवार दोपहर सिलीगुड़ी के कोर्ट मोड़ से एक रैली निकाल कर आमरा बंगाली के सदस्य हाशमी चौक पर पहुंचे. वहां गोजमुमो प्रमुख बिमल गुरूंग का पुतला फूंका व बिमल गुरूंग मुर्दाबाद के नारे लगाये. आमरा बंगाली के अध्यक्ष खुशी रंजन मंडल ने बताया कि बंगाल को किसी भी कीमत पर नहीं बांटा जा सकता. पहाड़ पश्चिम बंगाल राज्य का मुकुट है.

पहाड़ को बंगाल से अलग कर देने पर पूरा बंगाल कटे हुए सर की शव की तरह दिखेगा. कई वर्ष पहले सुभाष घीसिंग ने भी गोरखालैंड बनाने की कोशिश की थी. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सही ठहराते हुए श्री मंडल ने कहा कि पहाड़ के विकास को ध्यान में रखते हुए गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) का गठन किया गया. राज्य सरकार ने विकास कार्यों के लिये जीटीए को करोड़ों रुपये आवंटित किया, लेकिन जीटीए चेयरमैन बिमल गुरूंग ने काफी घोटाला किया है जिसकी वजह से वह जीटीए का आर्थिक ब्यौरा राज्य सरकार को नहीं सौंप रहे हैं. बांग्ला भाषा की दिशा में मुख्यमंत्री का प्रयास सराहनीय है, लेकिन पूरे राज्य की तरह पहाड़ पर भी बांग्ला भाषा को अनिवार्य करना होगा.

Next Article

Exit mobile version