पहाड़ पर खाद्य संकट गहराने की संभावना
सिलीगुड़ी. पहाड़ पर जारी हिंसा और गोजमुमो के बेमियादी बंद से दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र पर खाद्य संकट उत्पन्न होने की संभावना है. माना जा रहा है कि बाजार बंद होने से आने वाले दिनों में लोगों के सामने खाने-पीने की समस्या उत्पन्न हो जायेगी. ऐसे भी वहां की स्थिति अब गंभीर हो चली है. पिछले […]
सिलीगुड़ी. पहाड़ पर जारी हिंसा और गोजमुमो के बेमियादी बंद से दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र पर खाद्य संकट उत्पन्न होने की संभावना है. माना जा रहा है कि बाजार बंद होने से आने वाले दिनों में लोगों के सामने खाने-पीने की समस्या उत्पन्न हो जायेगी. ऐसे भी वहां की स्थिति अब गंभीर हो चली है.
पिछले कई दिनों से जारी गोरखालैंड आंदोलन की वजह से दार्जीलिंग, कालिम्पोंग, कर्सियांग,मिरिक सहित डुआर्स के कई इलाकों के हालात काफी खराब हैं. अर्द्धसैनिक बल व सेना की तैनाती की गयी है. डर के मारे पहाड़ के लोगों ने घरों से निकलना बंद कर दिया है. बाजार, दुकान आदि बंद हैं. स्थिति में सुधार नहीं होने पर अगले कुछ दिनों में घरों में बंद रहकर भी समय गुजारना मुश्किल हो जायेगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार खाद्य की कमी शुरू हो गयी है.
इस संकट को देखकर राज्य सरकार ने कदम उठाना शुरू कर दिया है. सोमवार को सिलीगुड़ी के निकट स्थित मिनी सचिवालय उत्तरकन्या में इस मामले को लेकर एक बैठक की गयी. इस बैठक में राज्य के खाद्यमंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक,पर्यटन मंत्री गौतम देव विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.
इसबीच,पहाड़ की समस्याओं को लेकर यहां बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. राज्य के गृह सचिव ने समतल, पहाड़, तराई व डुआर्स के सभी राजनैतिक दलों की एक बैठक बुलायी है. सर्वदलीय यह बैठक 22 जून को तय है. इसके अतिरिक्त मंगलवार को मंत्री गौतम देव पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों, परिवहन विभाग के अधिकारियों आदि के साथ बैठक करेगें. 22 जून को होने वाली सर्वदलीय बैठक में पहाड़, समतल, तराई व डुआर्स की सभी राजनैतिक पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वयं पहाड़ की शांति को बनाये रखने के लिये सभी राजनैतिक दलों की सहायता मांगी है.