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बाराबनी में दो अवैध पत्थर खदानों में छापेमारी

रूपनारायणपुर. बाराबनी प्रखण्ड अंतर्गत कांसकुली इलाके में संचालित दो अबैध पत्थर खदानों में बुधवार को महकमा शासक सह अतिरिक्त जिलाशासक (जनरल) प्रलय रायचौधरी ने बाराबनी के बीडीओ डॉ अनिमेष कांति मन्ना और डिप्टी मजिस्ट्रेट सोमनाथ दत्ता के साथ छापेमारी की. बाराबनी थाना पुलिस को बुलाया गया. तीन पोकलैंड मशीन, दो हाईवा सहित आठ ट्रीपर ट्रक, […]

रूपनारायणपुर. बाराबनी प्रखण्ड अंतर्गत कांसकुली इलाके में संचालित दो अबैध पत्थर खदानों में बुधवार को महकमा शासक सह अतिरिक्त जिलाशासक (जनरल) प्रलय रायचौधरी ने बाराबनी के बीडीओ डॉ अनिमेष कांति मन्ना और डिप्टी मजिस्ट्रेट सोमनाथ दत्ता के साथ छापेमारी की.

बाराबनी थाना पुलिस को बुलाया गया. तीन पोकलैंड मशीन, दो हाईवा सहित आठ ट्रीपर ट्रक, तीन ट्रेक्टर, तीन मोटरसाइकिल, तीन स्कूटर, दो हाईपावर जेनरेटर, आठ ड्रम डीजल, भारी मात्ना में एक्सप्लोसिव, पांच लाख सीएफटी चेली पत्थर, नेशनल ह्यूमन राइट्स एंड सोशल जस्टिस कमीशन का बोर्ड लगी मारु ति स्वीफ्ट कार जब्त की गयी. खदान संचालक नंदकिशोर शर्मा के पुत्न दीपक शर्मा और डंपर चालक दर्शन किस्कू को गिरफ्तार किया गया. एसडीएलआरओ तन्मय राय और बाराबनी के बीएलएंडएलआरओ रु द्ररूप भट्टाचार्य को मौके पर बुलाया गया. श्री भट्टाचार्य ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. छापेमारी में गिरफ्तार दीपक शर्मा ने बताया कि उसके पिता नंदकिशोर खदान चलाते है. कार भी उन्ही की है. वह अपने पिता के साथ खदान देखने आया था. उसने लिखित बयान डिप्टी मजिस्ट्रेट श्री दत्ता को दिया. छापेमारी के समय नंद किशोर भी मौजूद था. प्रशासनिक अधिकारी उसे नहीं पहचानते थे.

इसका लाभ उठा उनके सामने से भाग निकला.

छापेमारी में जब्त तीन पोकलेन मशीन, आठ ट्रक व हाईवा डंपर, दो हेवी जेनरेटर आदि सामानों को रात हो जाने के कारण ले जाना संभव नहीं हो पाया. इनकी रखवाली के लिए खदान में पुलिस पिकेट बैठाया गया है. चार सीपीवीएफ और दो जवानों की तैनाती की गई है. बारूद घर में पड़ी विस्फोटक सामग्री को रात में ही विशेषज्ञों की उपस्थिति में पुलिस को सौंपा गया. महकमा शासक श्री रायचौधरी ने कहा कि एक्सप्लोसिव को इसीएल या आईसीएमएल के बारूद घरों में तत्काल रखने की व्यवस्था की जायेगी.
सूत्रों के अनुसार कासकूली के दोनो अवैध पत्थर खादानों में औसतन 20 हजार क्यूबिक वर्गफुट पत्थर का खनन होता था. बडे खदाना में औसत 14 हजार सीएफटी और छोटे खदानों में छह हजार सीएफटी का खनन होता था. बडे खदान का उत्पादित संपूर्ण पत्थर नेशनल हाइवे बना रही कंपनी को सप्लाई होता था. छोटे खदानों का पत्थर लोकल क्रेशर मशीन को बेचा जाता था. लोकल क्रेशरों को हजार रूपया सीएफटी के दर से पत्थर बेचा जाता था.

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