उल्लेखनीय है कि उत्तर 24 परगना जिले के बादुड़िया कांड को लेकर राज्य का राजनीतिक माहौल गरम है. इस कांड के संबंध में राज्यपाल द्वारा राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को किये गये एक फोन कॉल को लेकर तृणमूल व भाजपा फिर से आमने-सामने हैं. जहां राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व राज्य सरकार के अन्य मंत्री राज्यपाल को उनकी संवैधानिक मर्यादा याद दिला रहे हैं, वहीं भाजपा राज्य के प्रशासनिक प्रधान का अपमान किये जाने को मुद्दा बनाकर मुख्यमंत्री को शासन की सीख देने की कोशिश में हैं. विस्तार योजना के तहत सिलीगुड़ी पहुंचे राहुल सिन्हा ने राज्य की मुख्यमंत्री पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रपति की तरह ही राज्यपाल राज्य का प्रशासनिक प्रधान होता है. जिस तरह से पूरे राज्य की कानून-व्यवस्था ढह गयी है, पहाड़ उबल रहा है, ऐसे में राज्यपाल का मुख्यमंत्री को सुझाव देना स्वाभाविक है.
लेकिन राज्य सरकार राज्यपाल के एक फोन कॉल को मुद्दा बनाकर रणक्षेत्र तैयार करने में लगी है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने किसी भी प्रकार की कोई गलती नहीं की. अपने संवैधानिक अधिकार के अनुसार ही घटना के 48 घंटे बाद भी सरकार की निष्क्रिय भूमिका पर उन्होंने सवाल किया. अलग राज्य गोरखालैंड के मुद्दे पर श्री सिन्हा ने कहा कि पहाड़ की अशांति के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं जिम्मेदार है. जीटीए समझौते में अलग राज्य गोरखालैंड की मांग को बरकरार रखा गया और अब उस आग में भाषा का घी डालकर उसे भड़का दिया है.
मुख्यमंत्री स्वयं को इतना श्रेष्ठ समझती है कि दूसरे का सुझाव तक सुनने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा का जनाधार काफी बढ़ा है. पंडित दीनदयाल विस्तारक योजना के तहत भाजपा पूरे देश में जनसंपर्क अभियान चला रही है. करीब 70 प्रतिशत बूथ तक भाजपा पहुंच चुकी है. देश सहित राज्य के प्रत्येक नागरिक के घर जाकर केंद्र सरकार की तीन वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी दी जा रही है. राज्य की वर्तमान दशा सुधारने के लिए एकमात्र विकल्प भाजपा ही है.