डेकाड्रॉन, डेरेफाइलिन, इकोस्प्रिन, फेबुटास समेत कई दवाइयां बाजार से गायब हो गयी हैं. दवा विक्रेता समीर विश्वास व सुब्रत दत्त का कहना है कि पहले की जो दवाइयां मौजूद हैं, उन्हीं की बिक्री की जा रही है. जीएसटी लागू होने के बाद से नये सिरे से दवाइयों की सप्लाई नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि अगर दो-चार दिनों में परिस्थिति स्वाभाविक नहीं हुई तो सड़क पर उतरने के अलावा दवा विक्रेताओं के पास कोई उपाय नहीं रहेगा. बेंगाल केमिस्ट एंड ड्रग एसोसिएशन के जिला सचिव तथा दवाइयों के थोक व्यवसायी विश्वजीत मंडल ने बताया कि एक जुलाई से जीएसटी लागू हुआ है. दवा कंपनियों को जीएसटी नंबर मिलने में थोड़ा समय लगेगा.
जीएसटी नंबर के बिना दवा विक्रेता न तो दवाइयों का ऑर्डर दे पा रहे थे और न ही दवा कंपनी ऑर्डर ले पा रही थी. जीएसटी नंबर के बिना ट्रांसपोर्टर भी दवाइयों का परिवहन नहीं कर पा रहे हैं.विश्वजीत मंडल ने बताया कि हाल ही में आठ से दस कंपनियों को जीएसटी नंबर दिया गया है. हर रोज चार-पांच कंपनियों को जीएसटी नंबर मिल रहा है. कुछ दिनों में ही परिस्थिति सामान्य हो जायेगी.