गोरखालैंड आंदोलन : जीटीए दफ्तर, रेलवे स्टेशन को आग के हवाले किया, पुरस्कार व सम्मान भी लौटाए

दार्जीलिंग:दार्जीलिंग हिल्स में लगातार 29 दिन से जारी बेमियादी बंद के बीच गोरखालैंड टेरीटोरियल प्रशासन (जीटीए) के दफ्तर को आग के हवाले कर दिया गया और कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया. दार्जीलिंग के मॉल रोड के चौरास्ता स्थित जीटीए के यात्रा एवं पर्यटन कार्यालय को गोरखालैंड समर्थकों ने आज सुबह आग के हवाले कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 13, 2017 6:51 PM

दार्जीलिंग:दार्जीलिंग हिल्स में लगातार 29 दिन से जारी बेमियादी बंद के बीच गोरखालैंड टेरीटोरियल प्रशासन (जीटीए) के दफ्तर को आग के हवाले कर दिया गया और कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया. दार्जीलिंग के मॉल रोड के चौरास्ता स्थित जीटीए के यात्रा एवं पर्यटन कार्यालय को गोरखालैंड समर्थकों ने आज सुबह आग के हवाले कर दिया. कल रात दार्जीलिंग स्टेशन के पास कुछ अज्ञात लोगों ने कई सरकारी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया.

कसर्यिांग के गयाबारी इलाके में आज सुबह एक रेलवे स्टेशन को भी गोरखालैंड समर्थकों ने आग लगा दिया. तीस्ता नदी के पास के जंगल में बने एक बंगले को भी आज आग लगा दिया गया. इस बीच, गोरखालैंड आंदोलन समन्वय समिति (जीएमसीसी) के आह्वान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए एक लेखक और एक गायक ने राज्य सरकार की ओर से उन्हें दिए गए अवॉर्ड वापस कर दिए. जीएमसीसी 30 सदस्यों वाली एक संस्था है जिसमें जीजेएम, जीएनएलएफ, जेएपी और भारतीय गोरखा परिसंघ जैसी हिल्स स्थितपार्टियों के प्रतिनिधि शामिल हैं. जीएमसीसी की अध्यक्षता जीजेएम के एक सदस्य कर रहे हैं.

लेखक और दार्जीलिंग के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक कृष्ण सिंह मुक्तन ने आज सुबह अपना भानु भक्त अवॉर्ड लौटा दिया. उन्हें यह अवॉर्ड 2004 में मिला था. गायक कर्मा योंजन ने भी अपना संगीत सम्मान अवॉर्ड वापस कर दिया. मुक्तन और योंजन ने अपने अवॉर्ड नेपाली साहित्य सम्मेलन समिति को सौंप दिए. समिति इन अवॉर्डों को जिला प्रशासन के पास भेज देगी. जीजेएम और गोरखालैंड समर्थकों ने आज जानेमाने नेपाली कवि भानु भक्त आचार्य की जयंती मनायी. सैकड़ों गोरखालैंड समर्थकों ने आज भानु भक्त आचार्य की लिखी कविताएं पढते हुए रंगारंग रैलियां निकाली और उन्होंने अलग गोरखालैंड राज्य के समर्थन वाली तख्तियां भी अपने हाथों में ले रखी थी. हिल्स में लगातार 26 दिन से इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं. दवा की दुकानें छोड़कर बाकी सारी दुकानें और दफ्तर बंद हैं.

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