सिलीगुड़ी: जीएसटी की वजह से सिलीगुड़ी तथा इसके आसपास के इलाके के अनारस किसान काफी परेशान हैं. अनन्नास की खेती करना मानो उनकी सबसे बड़ी गलती हो गयी है. विधाननगर इलाके में इस साल अनन्नास कारोबार को करीब एक सौ करोड़ रूपये के नुकसान का अनुमान है. अब अगले वर्ष की अनारस खेती को लेकर किसान चितिंत हैं.
इनके सामने सबसे बड़ी समस्या अनन्नास के निर्यात को लेकर है. जीएसटी की वजह से अनन्नास का निर्यात बंद है. जीएसटी को लागू हुए एक महीना गुजर गया, लेकिन अनारस निर्यात को लेकर समस्या जस की तस बनी हुई है.
सिलीगुड़ी महकमा के अंतर्गत स्थित विधान नगर अनारस के लिए विख्यात है. पड़ोसी राज्य सिक्किम, असम, बिहार, ओड़िशा, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा सहित भारत के अन्य राज्यों में यहां के अनारस की भारी मांग है. इसके साथ ही अनन्नास का एक बड़ा बाजार पड़ोसी देश नेपाल और भूटान में भी है. 20 से 25 रूपए प्रति पीस बिकने वाला अनन्नास वर्तमान में 9 से 10 रुपये प्रति पीस बिक रहा है. इस बार उत्पादन लागत निकालना भी किसानो के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गयी है. विधाननगर के अनन्नास किसानों के अनुसार इस बार काफी अच्छा उत्पादन हुआ है.
फल देख कर किसान काफी खुश थे. लेकिन 1 जुलाई को केंद्र सरकार द्वारा लागू जीएसटी ने अनन्नास किसानों का सरदर्द बढ़ा दिया. 1 जुलाई के बाद से ही अनारस का निर्यात बंद है. एक पीस भी अनन्नास भारतीय सीमा के पार नहीं गया है. इतना ही नहीं देश में ही विभिन्न राज्यों में भी मांग काफी कम हो गयी है. खेत से निकाले गये फलों में से अधिकांश सड़ गये हैं. सिलीगुड़ी व आस-पास के बाजारों में भी अनारस की खपत नहीं हो रही है. खराब होने के डर से थोक व्यापारी भी ज्यादा माल नहीं खरीद रहे हैं.
इस संबंध में विधान नगर अनन्नास व्यवसायी समिति के अध्यक्ष काजल घोष ने बताया कि समग्र रूप से इस बार करीब एक सौ करोड़ से अधिक का घाटा हुआ है. जीएसटी को लागू हुए एक महीना गुजर चुका है. अनन्नास के निर्यात पर क्या प्रावधान हो, यह कस्टम अधिकारी को मालूम ही नहीं है. जिसकी वजह से पड़ोसी देश नेपाल व भूटान में अनारस निर्यात बंद है. यह दोनों देश विधाननगर के अनारस के सबसे बड़े खरीददार हैं. देश के विभिन्न राज्यों में भी अनारस की मांग घटी है. उत्पादन लागत निकालना किसानों के लिये मुश्किल हो रहा है.