300 लोग हुए बेघर

मालदा: रतुआ के बलरामपुर में हुए अगिAकांड से 300 से भी ज्यादा लोग तेज धूप में खुले आसमान के नीचे किसी तरह आश्रय लिये हुए हैं. पश्चिमी हवा के धूल-मिट्टी से बच्चे व बूढ़े नहा रहे हैं. सबसे ज्यादा तकलीफ महिलाओं को हो रही है. खान-पान के लिए हहाकार मच गया है. पेयजल तक की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2014 9:32 AM

मालदा: रतुआ के बलरामपुर में हुए अगिAकांड से 300 से भी ज्यादा लोग तेज धूप में खुले आसमान के नीचे किसी तरह आश्रय लिये हुए हैं. पश्चिमी हवा के धूल-मिट्टी से बच्चे व बूढ़े नहा रहे हैं. सबसे ज्यादा तकलीफ महिलाओं को हो रही है. खान-पान के लिए हहाकार मच गया है. पेयजल तक की व्यवस्था नहीं है. शिशुओं के लिए खाना नहीं है. ऐसे में प्रभावित परिवारों में राजनीतिक दलों के नेताओं के प्रति क्षोभ है.

प्रभावितों का कहना है कि अग्निकांड के बाद अभी तक किसी राजनीतिक दल के नेता व उम्मीदवार ने उनकी खबर नहीं ली है. प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को सुखा खाना, पेयजल, अस्थायी रूप से बिजली सेवा व पॉलीथीन देने का आश्वासन दिया था. यह आश्वासन धरा रह गया. कांग्रेस विधायक समर मुखर्जी ने कहा है कि रतुआ एक नंबर ब्लॉक की महानंदाटोला ग्राम पंचायत के बलरामपुर गांव में अगिAकांड में लगभग 100 घर जल गये. स्थानीय ग्राम पंचायत प्रबंधन के पास प्रभावितों की मदद के लिए गुहार लगायी गयी है. महानंदाटोला ग्राम पंचायत प्रधान सुकेश यादव ने कहा कि प्राथमिक रूप से मिली जानकारी के अनुसार 50 से 60 परिवार अगिAकांड में प्रभावित हुए हैं. प्रभावितों की मदद के लिए पंचायत हरसंभव सहायता कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से जिस तरह राहत सामग्री मिलेगी, उसी तरह परिवारों के बीच बांटी जायेगी.

अगलगी के बारे में मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह लगभग नौ बजे स्थानीय निवासी संजय मंडल की पुआल के ढेर में आग लगी व आग पूरे गांव में फैल गयी. अग्नि पीड़ितों का कहना है 24 घंटे से वे भूखे हैं. बच्चे भूख के मारे रो रहे हैं.

रात को कीड़े-मकोड़े के काटने का डर सता रहा है. 24 घंटे बीत गये, लेकिन राजनीतिक नेता व प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली. पीड़ितों का कहना है विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवार नामांकन व चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. अगिA पीड़ितों की समस्याओं को देखनेवाला कोई नहीं है. रतुआ एक नंबर ब्लॉक के बीडीओ नीलांजन तरफदार ने कहा कि अगिA पीड़ितों द्वारा लगाया जा रहा आरोप गलत है. उन्होंने कहा कि अगलगी की खबर मिलते ही वे वहां पहुंचे थे. प्रभावितों की सूची तैयार करने के लिए पंचायत प्रबंधन को निर्देश दिया गया है. पुनर्वास के लिए प्रभावितों की सूची जिला प्रशासन के पास भेजी जायेगी.

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