उल्लेखनीय है कि 2013 के आंधी-तूफान में इस आंगनबाड़ी केन्द्र का छाजन उड़ गया था. उसके बाद चार साल बीत जाने के बावजूद हालात जस के तस हैं. छाजन नहीं रहने से केन्द्र में मिड-डे मील तैयार करने में भी रसोइयों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.नाम नहीं छापने की शर्त पर एक आंगनबाड़ी कर्मचारी ने बताया कि कई बार विभागीय अधिकारियों को इस समस्या की लिखित जानकारी दी गई है.
लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ. वहीं बिन्नागुड़ी ग्राम पंचायत के प्रधान संजय उरांव ने बताया कि धन की कमी के चलते केन्द्र की मरम्मत नहीं हो पायी है. इसके लिए जल्द कदम उठाये जायेंगे. ताकि बच्चों को सुचारू रुप से पढ़ाई करने में किसी भी तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े .