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मुख्यमंत्री के प्रस्ताव पर पहाड़ पर उत्साह नहीं, बैठक में शामिल होने को लेकर सभी असमंजस में

दार्जिलिंग/सिलीगुड़ी : दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र की समस्या पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा इस महीने की 29 तारीख को कोलकाता में बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक को लेकर पहाड़ के लोगों और नेताओं में जरा सा भी उत्साह नहीं है. न सिर्फ आम लोग बल्कि राजनीतिक दल भी इस बैठक के सफल होने को लेकर उत्साही नहीं […]

दार्जिलिंग/सिलीगुड़ी : दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र की समस्या पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा इस महीने की 29 तारीख को कोलकाता में बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक को लेकर पहाड़ के लोगों और नेताओं में जरा सा भी उत्साह नहीं है. न सिर्फ आम लोग बल्कि राजनीतिक दल भी इस बैठक के सफल होने को लेकर उत्साही नहीं है.

आम लोगों का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से पहाड़ की समस्या पर सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया है. ना की गोरखालैंड की मांग को लेकर. इसलिए इस बैठक में अलग राज्य की मांग पर कोई बातचीत होने की संभावना दूर दूर तक नहीं है. राजनीतिक दलों का भी कुछ ऐसा ही मानना हे. क्रामाकपा नेता शेखर छेत्री ने साफ साफ कह दिया है कि अगर गोरखालैंड की मांग पर मुख्यमंत्री बातचीत करेंगी तभी उनकी पार्टी 29 तारीख के सर्वदलीय बैठक में शामिल होगी. वर्तमान माहौल में पहाड़ पर विकास कोई मुद्दा नहीं है.

यहां के लोग अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. दो महीने से भी अधिक समय से पहाड़ पर बेमियादी बंद जारी है. उसके बाद भी पहाड़ की जनता गोरखालैंड आंदोलन को जारी रखना चाहती है. ऐसे माहौल में विकास के मुद्दे पर बातचीत का कोई औचित्य नहीं है. गोजमुमो की ओर से भी मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव पर कोई विशेष उत्साह नहीं देखा गया है. गोजमुमो के संयुक्त सचिव विनय तमांग का कहना है कि एक दो दिनों के अदंर पार्टी में बातचीत कर मुख्यमंत्री द्वारा बुलायी गयी बैठक में शामिल होने का फैसला लिया जायेगा. इस दौरान उन्होंने बेमियादी बंद जारी रखने की भी घोषणा की है. विनय तमांग भले ही इस मुद्दे को लेकर थोड़ी नरमी बरत रहे हो, लेकिन पार्टी के अन्य नेताओं ने तल्ख तेवर दिखा दिया है. गोजमुमो नेता भीम प्रधान ने एक तरह से चेतावनी देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री द्वारा बुलायी गयी बैठक में गोरखालैंड को छोड़ कर यदि किसी अन्य मुद्दे पर बातचीत हुई तो नेता वापस पहाड़ नहीं चढ़ पायेंगे. यहां की जनता गोरखालैंड से कम कुछ भी लेने को राजी नहीं है.
जनता ही उन्हें पहाड़ पर चढ़ने नहीं देगी. इसलिए बैठक में शामिल होने वाले नेताओं को आम जनता की भावनाओं को ध्यान में रखना चाहिए. दार्जिलिंग के गोजमुमो विधायक अमर सिंह राई ने भी कहा है कि 29 तारीख के सर्वदलीय बैठक में शामिल होने पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है.
पार्टी की बैठक एक-दो दिनों में होगी, उसके बाद ही इसपर कोई अंतिम फैसला किया जायेगा. गोरखालैंड मूवमेंट को-ऑर्डिनेशन कमेटी (जीएमसीसी) के अध्यक्ष कल्याण देवान ने भी कुछ ऐसी ही बातें कही है. उनका कहना है कि राज्य सरकार की ओर से बैठक की कोई औपचारिक सूचना जीएमसीसी को नहीं दी गयी है. जब तक राज्य सरकार की ओर से औपचारिक सूचना नहीं मिल जाती तब तक बैठक में शामिल होने पर विचार नहीं किया जायेगा. एक बार राज्य सरकार द्वारा सूचना मिलते ही जीएमसीसी की बैठक होगी और उसमें अंतिम फैसला लिया जायेगा. दूसरी ओर, जीएमसीसी में शामिल प्रमुख घटक दल अखिल भारतीय गोरखा लीग(अभागोली) ने भी नवान्न में होने वाली सर्वदलीय बैठक में शामिल होने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है. पार्टी की बैठक कल गुरुवार को दार्जिलिंग में होगी. गोरखालीग के नेता लक्ष्मण प्रधान ने कहा है कि कल की बैठक के बाद ही कोई अंतिम निर्णय की जानकारी दे सकेंगे.
गौतम देव ने बंद खत्म करने को कहा
इधर राज्य के पर्यटन मंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गौतम देव ने गोजमुमो से पहाड़ पर बंद खत्म करने के लिए कहा है. श्री देव गुरुवार को सिलीगुड़ी में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पहाड़ पर दो महीने से भी अधिक समय से बेमियादी बंद जारी है और वहां के लोग काफी परेशान है. मुख्यमंत्री ने पहाड़ की समस्या को लेकर एक बैठक 29 तारीख को कोलकाता में बुलायी है. गोजमुमो को उससे पहले ही पहाड़ बंद खत्म कर देना चाहिए. यदि पार्टी ऐसा नहीं करती है तो पहाड़ की जनता ही बंद को नहीं मानेगी. श्री देव ने कहा कि पहाड़ के आम लोग बंद से परेशान हो गये हैं. धीरे धीरे बंद की उपेक्षा की जा रही है. कई स्थानों पर दुकानें खुलनी लगी है. एवं कुछ वाहनों की आवाजाही भी हो रही है.

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