जिंदा रहा तो गोरखालैंड लेकर घर लौटूंगा: गुरुंग
दार्जिलिंग. अगर मैं जिंदा रहा तो गोरखालैंड राज्य के सपने को साकार करके ही वापस घर लौटूंगा. यह बात मोरचा प्रमुख बिमल गुरुंग ने टेलीफोन पर एक बातचीत के दौरान कही है. उन्होंने कहा कि मैं भारतीय गोरखाओं की जातीय पहचान के लिए आंदोलन कर रहा हूं. इस आंदोलन में अगर मैं मर भी गया […]
उन्होंने कहा कि मैं भारतीय गोरखाओं की जातीय पहचान के लिए आंदोलन कर रहा हूं. इस आंदोलन में अगर मैं मर भी गया तो मेरी लाश घर जायेगी और यदि जिंदा रहा तो मैं गोरखालैंड लेकर घर लौटूंगा. सरकार के साथ वार्ता होगी तो सिर्फ गोरखालैंड पर ही होनी चाहिए. यदि सरकार ने गोरखालैंड राज्य के गठन पर बातचीत करने से इंकार किया, तो बैठक का बहिष्कार किया जाना चाहिये. उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुझे फंसाने का षड्यंत्र रच रहे हैं.
लेकिन मैं मरूंगा तो गोरखाओं की जातीय पहचान और मुक्ति के लिए ही. लेकिन मैं गोरखा जाति के साथ गद्दारी नहीं करूंगा. श्री गुरुंग ने कहा कि कुछ लोगों ने मुझे अंधेरे में रखकर बंगाल सरकार को पत्र लिखा है, इस तरह के कार्य करने वालों से जनता को सावधान रहना होगा. जनता गोर्खालैंड प्राप्ति के लिये सड़क पर उतर आयी है, तीन महीना बीत चुके हैं इसके बावजूद जनता अपने हक के लिये सड़क पर उतर कर आंदोलन कर रही है.