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पहाड़ मुद्दा: 16 अक्तूबर को नवान्न में फिर होगी बैठक, मोर्चे की अधिकांश मांगें मान ली राज्य सरकार ने

सिलीगुड़ी: अलग गोरखालैंड राज्य की मांग पर पहाड़ में 90 दिनों से चल रहे बेमियादी बंद को लेकर मंगलवार को सिलीगुड़ी स्थित मिनी सचिवालय उत्तरकन्या में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहाड़ के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ तकरीबन दो घंटे बैठक की. इस दौरान गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) ने राज्य व केंद्र के […]

सिलीगुड़ी: अलग गोरखालैंड राज्य की मांग पर पहाड़ में 90 दिनों से चल रहे बेमियादी बंद को लेकर मंगलवार को सिलीगुड़ी स्थित मिनी सचिवालय उत्तरकन्या में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहाड़ के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ तकरीबन दो घंटे बैठक की. इस दौरान गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) ने राज्य व केंद्र के साथ मिलकर त्रिपक्षीय बैठक से गोरखालैंड मुद्दे का हल निकालने की मांग रखी, जिसे ममता ने संविधान व कानून के जानकारों की सलाह लेने की बात कहकर टाल दिया.

वहीं मोर्चा के बागी नेता विनय तमांग ने कहा कि वार्ता में जो बातें सामने आयी हैं उन्हें पार्टी नेताओं के सामने रखेंगे, फिर आम जनता को समझाकर बंद वापसी पर फैसला लेंगे. खास बात यह रही है कि मोर्चा का बागी नेता होने के बावजूद मुख्यमंत्री ने सबसे ज्यादा तवज्जो विनय तमांग को ही दी.

बैठक में मोर्चा के सात सदस्य शामिल हुए, जिनमें पहाड़ के दो विधायक और बागी गुट के विनय तमांग और अनित थापा भी थे. इसके अलावा पहाड़ की चार अन्य पार्टियों जन आंदोलन पार्टी (जाप), अखिल भारतीय गोरखा लीग (अभागोली), गोरामुमो व तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधि भी शामिल थे. बैठक के समापन पर मुख्यमंत्री ने इसे सफल बताया. उन्हों‍ने कहा : बैठक में मोर्चा की तरफ से विनय तमांग ने उनके पास 17 सूत्री मांगें रखी हैं. इसमें दार्जिलिंग के लोगों की समस्या, चाय बागान श्रमिकों के वेतन व बोनस की समस्या, मोर्चा नेताओं पर किये गये मामलों को अविलंब हटाने के अलावा पहाड़ पर हुए धमाकों की उच्चस्तरीय जांच व इस आंदोलन में मरनेवालों व जख्मी लोगों के परिवारों को सरकारी मुआवजा मिलने जैसी प्रमुख मांगें शामिल थीं. सरकार की तरफ से अधिकतर मांगें मान ली गयी हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा : इसके अलावा केंद्र व राज्य सरकार के साथ मिलकर त्रिपक्षीय वार्ता के जरिये गोरखालैंड समस्या का समाधान करने की मांग भी की गयी थी. इस बारे में कई कानूनी व संवैधानिक प्रश्न हैं, जिसके बारे में जानकारों से सलाह लेकर ही वह कोई फैसला लेंगी. फिलहाल अधिकतर मांगों को मान लिया गया है. इस समस्या का समाधान बातचीत के जरिये ही होगा, इसके लिए वह इस मामले में अगली बैठक 16 अक्तूबर को नवान्न में करेंगी. पहाड़ व वहां के लोग बंगाल से अलग नहीं हैं. उन्हें उम्मीद है कि पहाड़ में बंद वापस होगा और आगामी कुछ दिनों में त्योहारों के मौसम में वहां पहले की तरह शांति लौटेगी.

वहीं गोजमुमो नेता विनय तमांग ने कहा कि पार्टी के सभी प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री की बातें सुनी हैं, वह पहाड़ लौटकर बुधवार शाम को पार्टी के अन्य नेताओं के साथ मिलकर पूरी बातें उनके सामने रखेंगे. फिर पार्टी के फैसले को पार्टी के प्रतिनिधि आम जनता के सामने रखेंगे. इसके बाद बंद वापसी पर आम जनता जो राय देगी, वह वहीं मानेंगे.

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