मालदा : अनुमति नहीं मिलने पर जिला प्रशासनिक भवन के सामने गाड़ी में लाउडस्पीकर लगाकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी व मालदा के दो सांसदों अबू हासेम खान चौधरी व मौसम नूर ने सभा की. बाढ़ राहत, पुनर्वास व क्षतिपूर्ति की मांग पर गुरुवार को दोपहर को मालदा जिला कांग्रेस नेतृत्व ने जिला प्रशासनिक भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया एक ज्ञापन सौंपा. प्रशासनिक भवन के सामने साइलेंस जोन रहने से सदर महकमा शासक पार्थ चक्रवर्ती ने लाउडस्पीकर बजाकर सभा करने की अनुमति रद्द कर दी. अनुमति नहीं मिलने पर सांसद, विधायक व जिला कांग्रेस के नेताओं ने गाड़ी में ही लाउडस्पीकर लगाकर विरोध सभा की. साथ में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी भी थे.
सभा में अतिरिक्त जिलाधिकारी देवतोष मंडल को 16 सूत्री मांगों को लेकर सांसद मौसम नूर, अबू हासेम खान चौधरी समेत कांग्रेस के अन्य विधायक व नेता उपस्थित थे. हालांकि गुरुवार को सभा की अनुमति के संबंध में सदर महकमा शासक पार्थ चक्रवर्ती ने बताया कि प्रशासनिक भवन के चारों तरफ साइलेंस जोन के तौर पर पहचान की गयी है. कांग्रेस सभा करने की अनुमति की मांग की गई थी, लेकिन साइलेंस जोन के कारण इन्हें लाउडस्पीकर बजाकर सभा करने की अनुमति नहीं दी गई.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने बताया कि डीएम व एसपी ने सभा की अनुमति नहीं देकर सही नहीं किया. वामो के समय में डीएम व एसपी को सरकार का दलाल कहा जाता था. ये लोग तो उसे भी पार कर गये हैं. सीधे तृणमूल के नेता बनकर काम कर रहे हैं, इसका जबाव आप सभी को देना होगा. पहले दक्षिण बंग बाढ़ में बह गया, बाद में उत्तर बंग बाढ़ से प्रभावित हुआ. प्राकृतिक आपदा से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ने 2000 में कानून बनाया है. दक्षिण बंगाल में बाढ़ के समय मुख्यमंत्री ने कहा कि मैनमेड बाढ़. उत्तर बंग में बाढ़ के समय वह पैर भिगोकर चली गईं. इस प्राकृतिक आपदा से मुकाबला करने के लिए राज्यों को मोटी रकम अग्रिम देती है केंद्र सरकार. अन्य राज्य में बाढ़ के बाद प्राकृतिक आपदा से मुकाबला करने के लिए राज्यों ने केंद्र से फंड मांगा है. दुर्भाग्य का विषय है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कोई राशि नहीं मांगी.
अधीर चौधरी ने बताया कि चारों तरफ राहत को लेकर हाहाकार व गुटबाजी चल रही है. संसद में केंद्रीय मंत्री उमा भारती से सवाल की थी. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंग से बाढ़ व कटाव को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं आया. बंगाल चाहे बह जाये, लेकिन मुख्यमंत्री अपने हिसाब से चलती हैं. बाढ़ राहत को लेकर उपेक्षा का जबाव सरकार को देना होगा. सरकारी कर्मचारियों के डीए को लेकर अधीर चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री कह रही हैं कि लोग भौंक रहे हैं. लेकिन ध्यान रखें जो लोग भौंक रहे हैं वे उनके काटने पर आप ही जलातंक से पीड़ित होंगी. उद्योग नहीं, नौकरी नहीं, नियुक्ति बंद है. हजारों पद खाली है. बेरोजगार युवक-युवतियां कहां जायेंगे.