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गोरूमारा में पर्यटकों का प्रवेश होगा महंगा

मयनागुड़ी . गोरुमारा में प्रवेश के लिए अब पर्यटकों को अतिरिक्त राशि चुकानी पड़ेगी. गुरुवार को लाटागुड़ी प्रकृति पर्यवेक्षक केंद्र में गोरूमारा के गाइडों के लिए प्रशिक्षण एवं जिप्सी मालिकों के साथ बातचीत के बाद गोरुमारा वन्यप्राणी विभाग के डीएफओ निशा गोस्वामी ने यह बात कही. पहाड़ पर अशांति व बाढ़ से खराब हुए रेल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2017 10:23 AM
मयनागुड़ी . गोरुमारा में प्रवेश के लिए अब पर्यटकों को अतिरिक्त राशि चुकानी पड़ेगी. गुरुवार को लाटागुड़ी प्रकृति पर्यवेक्षक केंद्र में गोरूमारा के गाइडों के लिए प्रशिक्षण एवं जिप्सी मालिकों के साथ बातचीत के बाद गोरुमारा वन्यप्राणी विभाग के डीएफओ निशा गोस्वामी ने यह बात कही. पहाड़ पर अशांति व बाढ़ से खराब हुए रेल संपर्क के बीच जंगल में प्रवेश के लिए अतिरिक्त राशि लेने के लिए वन विभाग के निर्णय से पर्यटन व्यवसासियों की चिंता बढ़ गई है.
पिछले तीन महीने से बंद रहने के बाद आगामी शनिवार से पर्यटकों के लिए गोरूमारा राष्ट्रीय उद्यान खुलने जा रहा है. फिर पर्यटकों के लिए जंगल खोले जाने से एक तरफ खुशी है, तो दूसरी तरह गोरूमारा के नजर मीनार में प्रवेश व गाइडों के लिए राशि बढ़ाने के वन विभाग के निर्णय से पर्यटन व्यवसायी चिंतित हैं. उल्लेखनीय है कि अतिरिक्त राशि पर्यटकों को खर्च करनी होगी. साथ ही पार्किंग फी व गाइड खर्च में भी वृद्धि की गई है. गोरूमारा में एक जिप्सी गाड़ी में छह पर्यटक प्रवेश कर सकते हैं.
इतने दिनों तक गोरूमारा में प्रत्येक नजर मीनार में प्रवेश के लिए सौ रुपये पार्किंग फीस देनी होगी. जो वर्तमान में बढ़कर तीन सौ रुपये हो गया है. साथ ही गाइड खर्च 180 रुपये के बजाय 200 रुपये हो गया है. इसके अलावा गोरुमारा के चापामारी, काजल, चंद्रचूड़, चुकचुकी नजर मीनार में प्रवेश के लिए पर्यटकों को पहले 70 रुपये का टिकट लेना होता था अब यह बढ़कर 110 रुपये हो गया है.
मेदला नजर मीनार में अबतक एक पर्यटक को 120 रुपये देना पड़ता था जो बढ़कर 160 रुपये हो गया. केवल यात्रा प्रसाद नजर मिनार में टिकट का मूल्य पूर्ववत 120 रुपये ही रहेगा. वन विभाग के इस निर्णय से पर्यटन व्यवसायियों ने नुकसान की आशंका की है. लाटागुड़ी रिसोर्ट ऑनर्स एसोसिएशन के सचिव दिव्येंदु देव ने बताया कि जंगल खोलने के पहले वन विभाग प्रतिवर्ष इस तरह भाड़ा बढ़ाने का निर्णय लेता है. जबकि प्राय दो महीने से पुराने कीमत पर पर्यटकों की बुकिंग ली जाती है.

ऐसे में अचानक इस तरह से कीमत बढ़ाने पर व्यवसायियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है. गुरुवार सुबह से गोरुमारा में गाइडों के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है.जहां पर्यावरण प्रेमी अनिमेष बसु गाइडों को प्रशिक्षण दिया. साथ ही गोरुमारा वन्यप्राणी विभाग की ओर से गोरुमारा में प्रवेश के लिए जिप्सी गाड़ियों के प्रदूषण के कागजात व अन्य कागजातों की जांच की गई.

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