जलपाईगुड़ी : जब सेल्फी लेने की होड़ से भड़के गजराज
गोरूमारा राष्ट्रीय उद्यान के चंद्रचूड़ इलाके में हादसा होने से बचा किसी तरह बची राहगीरों और पर्यटकों की जान जलपाईगुड़ी. डुआर्स के जंगल के रास्ते में हाथी का रास्ता रोककर सेल्फी व तस्वीर लेने की होड़ को देखकर गजराज भड़क उठे. पर्यावरण प्रेमियों की तत्परता से वहां उपस्थित लोगों की जान बची. यह घटना गोरूमारा […]
गोरूमारा राष्ट्रीय उद्यान के चंद्रचूड़ इलाके में हादसा होने से बचा
किसी तरह बची राहगीरों और पर्यटकों की जान
जलपाईगुड़ी. डुआर्स के जंगल के रास्ते में हाथी का रास्ता रोककर सेल्फी व तस्वीर लेने की होड़ को देखकर गजराज भड़क उठे. पर्यावरण प्रेमियों की तत्परता से वहां उपस्थित लोगों की जान बची. यह घटना गोरूमारा राष्ट्रीय उद्यान के चंद्रचूड़ इलाके में हुई. इस घटना पर पर्यावरण प्रेमियों ने चिंता जतायी है.
घटनास्थल पर मौजूद एक पर्यावरण प्रेमी तथा अधिवक्ता स्वरूप मंडल ने बताया कि शुक्रवार शाम को चंद्रचूड़ वाच टॉवर के आगे मूर्ति रोड पर एक विशाल हाथी सड़क पार कर रहा था. इसी समय अचानक कुछ राहगीर व पर्यटक गाड़ी रोककर हाथी की तस्वीर लेने लगे. इससे हाथी गुस्सा हो गया और लोगों को खदेड़ना शुरू कर दिया. इसी क्रम में स्वरूप मंडल ने चिल्लाना शुरू कर दिया. चिल्लाने की आवाज सुनकर हाथी उधर मुड़ गया जिससे बाकी पर्यटक व राहगीरों की जान बच गयी.
उल्लेखनीय है कि इसके पहले 2015 के 13 सितंबर को इस जंगल के रास्ते में दो बाइक सवारों की जान स्वरूप मंडल ने ही बचायी थी. शनिवार से पर्यटकों के लिए डुआर्स के वन्यप्राणी बहुल वनांचल को खोल दिया गया
इसके बाद यह मुद्दा सामाने आने पर स्वरूप मंडल ने वन विभाग की नजर में इस बात को लाया एवं निगरानी बढ़ाने की मांग की है. उन्होंने बताया कि जंगल के रास्ते वन्यप्राणी देखने के साथ ही तस्वीर लेने की प्रवृत्ति लोगों में बढ़ी है जो खतरनाक संकेत है. ऐसे में किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
मयनागुड़ी : पहले दिन नहीं दिखी पर्यटकों की भीड़
मयनागुड़ी : गोरूमारा नेशनल पार्क के साथ ही चापड़ामारी वाच टॉवर, लाटागुड़ी जंगल सफारी आदि भी खुल गये हैं. हालांकि शनिवार की सुबह पर्यटकों की कोई खास भीड़ देखने को नहीं मिली. शाम को कुछ पर्यटक जरूर नजर आये. पहले दिन बाहर से आनेवाले पर्यटकों की संख्या काफी कम रही. इसके बावजूद लाटागुड़ी के पर्यटन व्यवसायी पूजा के मौसम में भीड़ बढ़ने को लेकर आशान्वित हैं.
जंगल में प्रवेश के लिए बढ़ा हुआ शुल्क भी लागू हो गया है. गोरूमारा की डीएफओ निशा गोस्वामी ने बताया कि शनिवार से नयी दर प्रभावी हो गयी है.
नाम न छापने की शर्त पर एक जिप्सी चालक ने बताया कि मानसून के दौरान लाटागुड़ी जंगल सफारी की सड़कें खराब हो गयी थीं, जिनमें से कई सड़कों को अभी भी ठीक नहीं किया जा सका है. इसकी वजह से उन्हें गाड़ी चलाने में समस्या आ रही है. वहीं जिप्सी ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष समीर देव ने कहा कि हर बार ऐसी ही स्थिति होती है. इस साल पहले से कहीं बेहतर काम हुआ है.