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आदिवासियों की समस्याओं को लेकर मिले मंत्री

बालूरघाट. राज्य सरकार की ओर से कोई कमी नहीं रहने के बावजूद दक्षिण दिनाजपुर जिले के आदिवासी कई सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं. शनिवार को बालूरघाट पहुंचकर आदिवासियों की समस्या की बात को आदिवासी विकास मंत्री जेम्स कुजूर ने स्वीकार किया. सरकारी सुविधाएं प्राप्त करने को लेकर मंत्री ने इन्हें जानकारी दी. प्रभात खबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2017 8:31 AM
बालूरघाट. राज्य सरकार की ओर से कोई कमी नहीं रहने के बावजूद दक्षिण दिनाजपुर जिले के आदिवासी कई सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं. शनिवार को बालूरघाट पहुंचकर आदिवासियों की समस्या की बात को आदिवासी विकास मंत्री जेम्स कुजूर ने स्वीकार किया. सरकारी सुविधाएं प्राप्त करने को लेकर मंत्री ने इन्हें जानकारी दी.

आदिवासियों के विकास के लिए सभी सरकारी योजनाएं जल्द उन तक पहुंचाने का आश्वासन श्री कुजूर ने दिया है.ज्ञात हो कि शनिवार को बालूरघाट के सर्किट हाउस पहुंचे आदिवासी विकास विभाग के मंत्री जेम्स कुजूर. वहां उन्होंने आदिवासी उरांव लिटरेटर एंड कल्चरल सोसाइटी समेत अन्य आदिवासी संगठनों के साथ बैठक की. इसमें भाषा, शिक्षा समेत आदिवासियों की कई मांगें सामने आयीं. उन्होंने आदिवासियों के लिए सरकारी सुविधाएं प्राप्त करने का रास्ता बता दिया.

संगठन के सचिव बंधन उरांव ने बताया कि मातृभाषा दिवस पर राज्य सरकार ने कुड़ुख भाषा व तोलोंग सिकी लिपि की स्वीकृति की घोषणा की है. इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है.कुड़ुख अकादमी का गठन, आओलैक्स एजूकेशन सेंटर का भत्ता, कुड़ुख नगर में बारहवीं कक्षा तक विद्यालय का निर्माण, पेयजल की व्यवस्था को लेकर संगठन के सदस्यों ने मंत्री के साथ बैठक की है.

श्री कुजूर ने हालांकि भाषा संबंधी विषय को लेकर कुछ खास जानना नहीं चाहा. उन्होंने कहा कि जिले में काफी संख्या में अनुसूचित जनजाति के लोग हैं. इनकी अनेक समस्याएं है. हाल ही में बाढ़ से इन्हें काफी नुकसान हुआ है. राज्य सरकार इनके लिए काफी कुछ दे रही है, लेकिन ये सुविधाएं आदिवासी लोगों तक नहीं पहुंच रहा है या नहीं यह देखना की उनके दौरे का मुख्य उद्देश्य है. आदिवासियों के लिए कई योजनाएं बनी हैं. आदिवासी बहुल इलाके में अधिक योजनाओं की आवश्यकता है. इनमें जो समस्याएं सामने आई है उनमें पेयजल, प्रमाण पत्र, स्कूल में दाखिले की समस्या को लेकर कई समस्याएं हैं. सबकुछ उनकी नजर में है. इसके अलावा बाढ़ में इस समुदाय को काफी नुकसान हुआ. समस्या का समाधान किस तरह से होगा इस संबंध में आदिवासी लोगों को जानकारी दी जा रही है.

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