छठ पूजा से ठीक पहले घाटों पर रोक पक्षपातपूर्ण

सिलीगुड़ी: छठ महापर्व को लेकर महानंदा नदी पर अस्थायी पुल बनाने और घाट बनाने के नियम लागू करने के आदेश को हिंदी भाषी नवजागृति परिषद ने अनुचित व पक्षपातपूर्ण बताया है. मंगलवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए परिषद के अध्यक्ष संतोष कुमार तिवारी ने कहा कि उनका मंच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2017 8:25 AM
सिलीगुड़ी: छठ महापर्व को लेकर महानंदा नदी पर अस्थायी पुल बनाने और घाट बनाने के नियम लागू करने के आदेश को हिंदी भाषी नवजागृति परिषद ने अनुचित व पक्षपातपूर्ण बताया है. मंगलवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए परिषद के अध्यक्ष संतोष कुमार तिवारी ने कहा कि उनका मंच एनजीटी के निर्देश का सम्मान करता है.

पर्यावरण को स्वच्छ रखना और नदियों को प्रदूषणमुक्त रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है. लेकिन काफी तादाद में छठ व्रतियों के इस पावन पर्व के ठीक पहले गाइडलाइन को लागू करने का प्रशासकीय कदम अनुचित और पक्षपातपूर्ण है.

संतोष कुमार तिवारी ने आगे बताया कि बताया कि पूरे साल महानंदा नदी प्रदूषित होती रहती है. सवाल है कि उस समय प्रशासन की नजर नदी पर क्यों नहीं जाती है. उन्होंने कहा कि 2010 में जिस वक्त नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) का गठन किया गया था उस समय सिलीगुड़ी शहर में लगभग 30 हजार छठघाट होते थे. 54 सेवा समितियां होती थीं. सवा लाख से दो लाख छठव्रती होती थीं. लेकिन आज सिलीगुड़ी में 56 हजार घाट बनाये जाते हैं और सवा दो लाख छठव्रती अर्घ्य देती हैं. ऐसे में घाटों का विस्तार होना स्वाभाविक है. महानंदा नदी के तट पर छठ पूजा के दौरान लाखों श्रद्धालु आते हैं. उन्होंने डीएम के इस आदेश को वापस लेने की मांग की.

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