अवैध पटाखों से डरे हुए हैं वृद्ध व मरीज

रायगंज: दीपावली और काली पूजा में अब ज्यादा दिन नहीं रह गये हैं. इसे लेकर बहुत से शहरवासी तेज आवाजवाले अवैध पटाखों से डरे हुए हैं. खास तौर पर दिल के मरीज और बुजुर्ग मरीजों को इन पटाखों का डर अभी से सताने लगा है. जानकारी के अनुसार कारोबारियों ने प्रतिबंधित पटाखे जमा करने का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2017 9:05 AM
रायगंज: दीपावली और काली पूजा में अब ज्यादा दिन नहीं रह गये हैं. इसे लेकर बहुत से शहरवासी तेज आवाजवाले अवैध पटाखों से डरे हुए हैं. खास तौर पर दिल के मरीज और बुजुर्ग मरीजों को इन पटाखों का डर अभी से सताने लगा है. जानकारी के अनुसार कारोबारियों ने प्रतिबंधित पटाखे जमा करने का काम शुरू कर दिया है. हालांकि जिला पुलिस के निर्देश पर विभिन्न थानों द्वारा ऐसे अवैध कारोबारियों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया गया है. स्थानीय लोगों का मानना है कि पुलिस की सक्रियता के बावजूद ऐसे अभियान कहां तक कारगर होंगे, इसको लेकर शंका बनी रहती है.
इस संबंध में उत्तर दिनाजपुर जिले के एसपी श्याम सिंह ने बताया कि प्रतिबंधित पटाखों के कारोबारियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. खास तौर पर काली पूजा और दीपावली के उपलक्ष में इस अभियान को तेज कर दिया गया है. पुलिस सूत्र की मानें तो इस बीच कई जगह प्रतिबंधित पटाखों को जब्त करने में कामयाबी मिली है. जिले के बाहर से आने वाले वाहनों पर निगरानी रखी जा रही है. जरूरत पड़ने पर तलाशी भी ली जायेगी. जानकारी मिलते ही छापेमारी की जायेगी.
उल्लेखनीय है कि एक-दो साल पहले कालियागंज में पटाखों के एक गोदाम में भयावह अगलगी में एक व्यक्ति की मौत भी हुई थी. प्रशासन इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिये सतर्क है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल पुलिस के दावों के बावजूद देर रात तक प्रतिबंधित पटाखे फोड़े जाते हैं जिससे न सिर्फ हृदय के मरीजों और बच्चों को तकलीफ होती है बल्कि बुजुर्गों को भी शारीरिक व मानसिक कष्ट होता है. वायु प्रदूषण से कई तरह के फेफड़ों के रोग होने की आशंका रहती है. उन्होंने आरोप लगाया कि हर साल पुलिस ऐसे प्रतिबंधित पटाखों पर अंकुश लगाने का प्रयास करती है लेकिन जमीनी स्तर पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता. बीच बीच में अवैध पटाखे जब्त जरूर किये जाते हैं लेकिन वे सभी खानापूरी मात्र होते हैं. ऐसे अभियान पूरी गंभीरता से चलाया जाये तो ऐसे नुकसानदेह पटाखों की बिक्री अपने आप बंद हो सकती है. इसके लिये पटाखों के लिये शहरों और गांवों के हाटों में अस्थायी बाजार बनाने के अलावा अवैध पटाखों के कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत है.

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