सिलीगुड़ी में डिजिटल इंडिया की निकली हवा, खातेदार के एकाउंट से 45 हजार का घपला

सिलीगुड़ी: निजी क्षेत्र की बड़ी बैंक आइसीआइसीआइ बैंक, सिलीगुड़ी सेवक रोड शाखा के एक ग्राहक के एकाउंट से 45 हजार रुपये घपले का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. घटना के 15 दिन बाद भी मामला नहीं सुलझ रहा. अभी तक बैंक प्रबंधन द्वारा इस ओर न तो उचित कदम उठाया गया है और न […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2017 8:48 AM
सिलीगुड़ी: निजी क्षेत्र की बड़ी बैंक आइसीआइसीआइ बैंक, सिलीगुड़ी सेवक रोड शाखा के एक ग्राहक के एकाउंट से 45 हजार रुपये घपले का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. घटना के 15 दिन बाद भी मामला नहीं सुलझ रहा. अभी तक बैंक प्रबंधन द्वारा इस ओर न तो उचित कदम उठाया गया है और न ही पीड़ित ग्राहक के एकाउंट में रुपये जमा किये गये हैं.

दूसरी ओर पूरे घटनाक्रम को लेकर बैंक प्रबंधन का दावा है कि ग्राहक ने कोई रुपया जमा ही नहीं कराया है. इस बाबत पीड़ित ग्राहक द्वारा भक्तिनगर थाना में लिखित शिकायत दायर भी करायी गयी है लेकिन पुलिस मामले की जांच-पड़ताल करने से कतरा रही है.

क्या है पूरा मामला
शहर के हैदरपाड़ा के अशरफ नगर निवासी मोहम्मद मुन्ना पेशे से हाट-घाटों में कपड़ों का धंधा करनेवाले मामूली व्यापारी हैं. उनका कहना है कि वह इसी महीने के चार अक्टूबर को स्थानीय सेवक रोड स्थित कपिल सेंटर के सामने आइसीआइसीआइ बैंक में इ-ऑटोमेटिक कैश डिपोजिट मशीन के जरिये अपने सेविंग एकाउंट नंबर 020801554657 में 45 हजार रुपये जमा किये. मशीन में रूपया तो डल गया लेकिन एकाउंट में जमा नहीं हुआ और रसीद भी नहीं निकली. बाद में उसी दिन उन्होंने इस बाबत बैंक में एक शिकायत दर्ज करायी. उसके बाद बैंक प्रबंधन ने साफ-साफ उन्हीं को कह दिया कि आपने रूपये जमा ही नहीं कराये. काफी हो हल्ला के बाद कभी दूसरे के एकाउंट में जमा होने, कभी रुपये न डालने तो कभी एसआर रिपोर्ट आने की बात कहकर बीते 15 दिनों से परेशान किया जा रहा है.

मुन्ना का कहना है कि जब बैंक प्रबंधन से मशीन के आसपास सीसीटीवी कैमरे खंगालने की बात कही गयी तो चार से छह अक्टूबर तक कैमरे खराब होने की बात बोलकर टरका दिया गया. उन्होंने बताया कि जब बैंक प्रबंधन ने उनके रुपये लौटाने पर हाथ खड़े कर दिये तो 12 अक्टूबर को भक्तिनगर थाना में उनके 45 हजार रुपये घपले होने की शिकायत दर्ज करायी गयी. सोमवार को बैंक प्रबंधन को चिट्ठी के मार्फत आगे की कानूनी कार्रवायी के लिए अवगत भी करवाया. मुन्ना ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़ा किया है. उनका कहना है कि पुलिस ने केवल जीडीइ नंबर देकर शिकायत दर्ज की है.


साथ ही मामले की जांच-पड़ताल भी शुरु नहीं कर रही. उनका कहना है कि वह अपने हक के लिए हर कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है. उन्होंने रुपये न मिलने पर अपने वकील प्रदीप बाग्ची के जरिये बैंक को उपभोक्त फोरम में घसीटने की चेतावनी दी है. दूसरी ओर बैंक के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार बैंक अब यह जान गयी है कि ग्राहक ने रुपये जमा किये लेकिन किसी वजह से रुपये मशीन में ही अटक गया. जो बाद में किसी कर्मचारी ने ही निकाल लिया. अब बैंक अपनी शाख और इज्जत बचाने के लिए आरोपों से पल्ला झाड़ने में लगी है. इस पूरे घटनाक्रम के मद्देनजर बैंक के कोई भी अधिकारी अपना मुंह नहीं खोलना चाहते. बैंक प्रबंधक से भी संपर्क साधने की कोशिश की गयी लेकिन सभी ने बातचीत से इंकार कर दिया.

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