गांधी मैदान में अस्थायी घाट का हो रहा इंतजाम

सिलीगुड़ी. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के दिशा-निर्देश और दार्जिलिंग जिला प्रशासन (डीएम) के फरमान के बाद सिलीगुड़ी में महानंदा नदी में छठ पूजा को लेकर आ रही कानूनी अड़चनें और सभी विवाद को दूर करने के लिए निगम के आठ नंबर वार्ड कमेटी की ओर से अनोखी पहल की जा रही है. भाजपा पार्षद खुशबू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2017 11:27 AM

सिलीगुड़ी. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के दिशा-निर्देश और दार्जिलिंग जिला प्रशासन (डीएम) के फरमान के बाद सिलीगुड़ी में महानंदा नदी में छठ पूजा को लेकर आ रही कानूनी अड़चनें और सभी विवाद को दूर करने के लिए निगम के आठ नंबर वार्ड कमेटी की ओर से अनोखी पहल की जा रही है.


भाजपा पार्षद खुशबू मित्तल की तत्परता से वार्ड के मंगतूराम रोड स्थित गांधी मैदान में पूजा के लिए अस्थायी घाट का इंतजाम किया जा रहा है. श्रीमती मित्तल का कहना है कि कानूनी लफड़ों की वजह से किसी के पूजा में अड़चन आये ऐसा वह होने नहीं देगी. उनके वार्ड क्षेत्र के सभी छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं के लिए यहां घाट की व्यवस्था की जा रही है. यहां छठ व्रती अपने परंपरागत तरीके से छठ मइया और भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना कर सकेंगे व अर्घ्य दे सकेंगे. उन्होंने बताया कि यहां पूजा के लिए पहली प्राथमिकता वार्ड के छठ व्रतियों को दी जायेगी. इसके बाद भी अगर जगह बच जाती है तो अन्य जगहों से आनेवाले छठ व्रतियों को घाट की व्यवस्था की जायेगी.

सभी को घाट मुफ्त में दिया जायेगा. यहां छठ घाट को परंपरागत तरीके और पर्यावरण को ध्यान में रखकर ही दीपावली की तरह चकाचौंध किया जायेगा. वार्ड कमेटी के सचिव सीताराम डालमिया का कहना है कि सभी को अपने रीति-रिवाज के अनूसार पूजा करने का अधिकार है. एनजीटी के निर्देश और जिला प्रशासन के फरमान के बाद महानंदा में संभवतः सभी को घाट नहीं मिल सकती है.

उनके वार्ड के छठ व्रतियों को इस मुश्किल का सामना न करना पड़े इसके लिए ही यह इंतजाम किया जा रहा है. कमेटी के प्रमुख विनोद अग्रवाल उर्फ बिनू ने का कहना है कि यहां एक साथ दो सौ डाले रखे जाने की व्यवस्था होगी. छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं को यहां किसी तरह की तकलीफ न हो कमेटी इसका पूरा ख्याल रखेगी. इसके लिए कमेटी के सभी सदस्य और युवा कार्यकर्ताओं के अलावा महिला विंग को भी आवश्यक निर्देश दिया गया है. सभी अभी से ही जी-तोड़ मेहनत भी कर रहे हैं.

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