14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

छठ पूजा: एनजीटी व जिला प्रशासन के आदेश से पसोपेश में छठव्रती

सिलीगुड़ी. मंगलवार को नहाय-खाय के साथ ही छठ महाव्रत की शुरुआत हो गयी है. बुधवार को खरना है और उसके एक दिन बाद यानी गुरुवार को पहला अर्घ्य है. उसमें छठव्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे. जाहिर है अब समय नहीं है.उसके बाद भी महानंदा नदी में छठ घाट बनाने को लेकर उहापोह की स्थिति […]

सिलीगुड़ी. मंगलवार को नहाय-खाय के साथ ही छठ महाव्रत की शुरुआत हो गयी है. बुधवार को खरना है और उसके एक दिन बाद यानी गुरुवार को पहला अर्घ्य है. उसमें छठव्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे. जाहिर है अब समय नहीं है.उसके बाद भी महानंदा नदी में छठ घाट बनाने को लेकर उहापोह की स्थिति कायम है. एनजीटी के आदेश के बाद किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर क्या करें. पूजा तो हर हाल में होनी है. चाहे इसके लिए महानंदा नदी पर छठ घाट बने या फिर किसी और विकल्प की व्यवस्था हो. कुछ दिनों पहले दार्जिलिंग की जिला अधिकारी जयशी दासगुप्ता ने एनजीटी के निर्देशानुसार छठ पजा करने का फरमान जारी किया तो हर ओर खलबली मच गयी.

महानंदा नदी में छठ घाट बनाने पर रोक है. नदी से साढ़े तीन फीट दूर छठ घाट बनाने का निर्देश दिया गया. इसके अलावा ना तो आवाजाही के लिए किसी अस्थायी पुल का निर्माण हो सकता है और ना ही केले के पेड़, फूल आदि से घाटों की सजावट की जा सकती है. नियम का उल्लंघन करने वाले को ना केवल भारी जुर्माना चुका होगा, अपितु जेल भी होगी. उसके बाद से सभी में डर का माहौल है.

छठ पूजा के मात्र दो दिन बचे हैं, लेकिन किसी को नदी में उतर कर घाट बनाने की हिम्मत नहीं हो रही है. बहरहाल गुरुवार को कुछ लोग हिम्मत कर छठ घाट बनाने में लग गये. सिलीगुड़ी में महानंदा नदी पर लालमोहन मौलिक घाट, गुरूंग बस्ती, कुलीपाड़ा, धर्म नगर, संतोषी नगर, गंगानगर आदि इलाके में लोग डरे-सहमे छठ घाट बनाने की तैयारी में लग गये. हालांकि सभी लोग नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की सम्मान करने की बात कर रहे हैं. संतोषी नगर छठ घाट पूजा कमेटी के सचिव राजेश कुमार राय ने बताया है कि उनके इलाके में अब छठ घाट की कोई समस्या नहीं है. एनजीटी के निर्देश को मानते हुए प्रशासन के सहयोग से छठ घाट का निर्माण हो गया है. धर्मनगर इलाके में छठ घाट बनवा रहे एक प्रमुख समाज सेवी सचिन राय ने कहा कि एनजीटी के निर्देश का वह सभी स्वागत करते हैं.

इसलिए जहां नदी का पानी है वहां से साढ़े तीन फीट की दूरी पर घाट बना रहे है. इसके अलवा घाट को सजाने के लिए जो केले के पत्ते और फूल आदि का इस्तेमाल किया जायेगा,उसे भी पूजा के बाद नदी में नहीं बहायेंगे, अपितु सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा बताये गये स्थान पर जमा करेंगे. श्री राय ने कहा कि कानून का काम कानून को करना चाहिए और उसका पालन करना सभी लोगों का कर्तव्य है. दूसरी ओर सिलीगुड़ी शहर में ऐसे छठव्रतियों की संख्या भी हजारों में है, जो महानंदा नदी में छठ पूजा को लेकर उठे विवाद से किसी पचड़े में नहीं पड़ना चाहते. इनलोगों ने छठ पूजा के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर ली है. ऐसे छठ व्रतियो की संख्या काफी है, जो किसी विवाद में ना पड़ कर दूसरी किसी नदी में पूजा करने जा रहे हैं. सिलीगुड़ी के निकट ही पंचनयी और महिषमारी नदियां बहती हैं. महानंदा नदी पर एनजीटी के निर्देश के बाद छठ पूजा के समय ये दोनों नदियां गुलजार हो उठी हैं. यहां काफी संख्या में छठव्रती पूजा करने की तैयारी कर रहे हैं. यही कारण है कि अब इन दोनों नदियों में भी घाट मिलना मुश्किल हो गया है.

महिषमारी नदी पर बने गीतादेवी छठ घाट पर तिल रखने की जगह नहीं बची है. गीता देवी छठ घाट पूजा कमेटी के सचिव रमेश साह ने बताया कि अब यहां घाट ही नहीं बचा है. उसके बाद भी नदी में छठ पूजा के लिए वह विशेष व्यवस्था छठ व्रतियों के लिए करवा रहे हैं. नदी के किनारे दौरा या सुप रखवाना संभव नहीं है. हां इस घाट के पास ही एक बड़ा मैदान हैं. छठव्रती दौरा और सुप रख सकते हैं और छठव्रती नदी में जाकर अर्घ्य दे सकते हैं. कमेटी इसकी व्यवस्था करेगी. दूसरी ओर विभिन्न वार्डों में बने खाली मैदान में भी इस साल छठ घाट बनाया जा रहा है .विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों और कालोनी में रहने वाले लोग खाली जमीन पर जेसीबी से गड्ढा खुदवाकर उसमें नदी की कृत्रिम धारा बना रहे हैं. पंप आदि से पानी की व्यवस्था की जा रही है. अकेले खालपाड़ा इलाके में ही ऐसे चार से पांच कृत्रिम छठ घाट बनाये गए हैं.ऐसे लोगों की संख्या भी काफी है जो अपने घरों की छतों या खाली जमीन पर घाट बना रहे हैं और वहीं छठ पूजा का आयोजन करेंगे. इधर,सिलीगुड़ी के विभिन्न हाउसिंग सोसायटियों में बने स्विमिंग पुल में भी छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है. जिनके सोसायटी में स्विमिंग पुल की व्यवस्था नहीं है वो अपने जान पहचान के लोगों के घरों या हाउसिंग सोसायटी में बने स्विमिंग पुल में पूजा करने जा रहे हैं. सिलीगुड़ी के प्रमुख समाजसेवी तथा बिहारी कल्याण मंच के वाइस प्रसिडेंट विपिन बिहारी गुप्ता भी इन्हीं लोगों में शुमार हैं.वह किसी विवाद का हिस्सा नहीं बनना चाहते. श्री गुप्ता ने कहा कि वह एनजीटी के आदेश का सम्मान करते हैं. इसी कारण वह इस साल महानंदा नदी के तट पर छठ पूजा नहीं करेंगे.

वह अपने पूरे परिवार के साथ अपने मित्र कमल मित्तल के घर में बने स्विमिंग पुल पर पूजा कर रहे हैं. सिर्फ वही नहीं 100 से भी अधकि परिवारों द्वारा वहां पूजा का आयोजन किया जायेगा.श्री गुप्ता ने आगे कहा कि उनके घर पर छठ पूजा की परंपरा कई पीढ़ियों से चली आ रही है. वह कानून का सम्मान करते हैं लेकिन इसके लिए छठ पूजा नहीं छोड़ सकते.कानून चाहे कितना भी कड़ा क्यों ना हो. पूजा तो करना ही है.श्री गुप्ता ने हालांकि ठीक छठ पूजा से पहले दार्जिलिंग जिला प्रशासन द्वारा एनजीटी के निर्देश को अमल में लाने पर भी सवाल उठाया है. उनका कहना है कि छठ पूजा के ठीक पहले इस प्रकार का फरमान सही नहीं है. जिला प्रशासन को एनजीटी के निर्देश की जानकारी कई माह पहले मिल गयी थी. उसी समय जिला प्रशासन को इसकी जानकारी देनी चाहिए थी. तब वहलोग एनजीटी के निर्देश के खिलाफ उपरी अदालत में अपील भी कर सकते थे.

क्या है मामला: सिलीगुड़ी शहर में महानंदा नदी पर छठ पूजा मनाये जाने को लेकर नेशनल ग्रिन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के पूर्वोत्तर जोन ने कई दिशा निर्देश जारी किये हैं. दार्जिलिंग की जिला अधिकारी पर ही एनजीटी के निर्देश को लागू करने की जिम्मेदारी है. जिलाधिकारी जयशी दासगुप्ता रविवार को महानंदा के विभिन्न घाटों का दौरा करने आयी थी. इस दौरान उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक तो की ही, साथ ही छठ व्रतियों एवं छठ पूजा आयोजन कमेटी के सदस्यों से बातचीत भी की. उसके बाद उन्होंने कहा कि वह किसी प्रकार से छठ पूजा मनाने पर रोक नहीं लगा रही हैं. छठव्रती महानंदा नदी के पानी में जाकर भी छठ व्रत कर सकते हैं, लेकिन एनजीटी के निर्देशों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेंगी.छठ घाट बनाने के लिए जेसीबी मशीन को किसी भी कीमत पर नदी में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा.

मंत्री गौतम देव ने लिया जायजा

राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव के लिए भी एनजेटी का निर्देश जी का जंजाल बन गया है. राज्य की तृणमूल सरकार को अपने वोट बैंक के खिसकने का अंदेशा है. यही वजह है पर्यटन मंत्री गौतम देव छठ घाट बनाने को लेकर दिन रात एक कर रहे हैं. उन्होंने एनजीटी के निर्देश का स्वागत तो किया है लेकिन पूजा के लिए छठव्रती परेशान ना हों,इसकी भी व्यवस्था वह कर रहे हैं. शहर के तमाम आला अधिकारियों को साथ लेकर वि पिछले तीन दिनों से विभिन्न छठ घाटों का दौरा कर रहे हैं. मंगलवार को वह संतोषी नगर छठ घाट गए और वहां घाट बनाने की तैयारियों का जायजा लिया.

कैमरे से रहेगी निगरानी: एनजीटी के निर्देश को लागू कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है. यही कारण है प्रशासन किसी भी प्रकार से लापरवाही के मूड में नहीं है.एनजीटी का निर्देश नहीं मानने वालों की पहचान कर छठ पूजा के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए महानंदा नदी में विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर वीडियोग्राफी तथा फोटोग्राफी कराने का निर्णय प्रशासन ने लिया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें