Loading election data...

सिलीगुड़ी में डेंगू से हाहाकार, लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या, निगम की पीठ थपथपा रहे है मेयर

राज्य सरकार के खिलाफ मोरचा खोलने में लगे मेयर, स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट पर बचने की कोशिश सिलीगुड़ी : डेंगू को लेकर पूरे राज्य के साथ ही सिलीगुड़ी में भी हाहाकार मचा हुआ है. एक के बाद एक मौतें हो रही हैं, वहीं दूसरी तरफ पीड़ितों की संख्या भी लगातार उछाल मार रही है. सिलीगुड़ी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2017 7:43 PM
an image

राज्य सरकार के खिलाफ मोरचा खोलने में लगे मेयर, स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट पर बचने की कोशिश

सिलीगुड़ी : डेंगू को लेकर पूरे राज्य के साथ ही सिलीगुड़ी में भी हाहाकार मचा हुआ है. एक के बाद एक मौतें हो रही हैं, वहीं दूसरी तरफ पीड़ितों की संख्या भी लगातार उछाल मार रही है. सिलीगुड़ी में डेंगू मरीजों की संख्या बारह सौ के पार पहुंच चुकी है. जहां एक तरफ राज्य सरकार सिलीगुड़ी नगर निगम को व्यर्थ मानकर निगम के स्थान पर सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) को आर्थिक मदद दे रही है. वहीं सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने स्वास्थ विभाग की रिपोर्ट पर राज्य सरकार को घेरा है.

मेयर ने डेंगू के खिलाफ सिलीगुड़ी नगर निगम की गतिविधि का उल्लेख करते हुए राज्य के नगरपालिका तथा शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकिम को एक पत्र लिखा है. मेयर के अनुसार जब पूरे राज्य में डेंगू की समस्या भयावह रूप धारण कर रही हैं, उस समय निगम के अथक प्रयास से सिलीगुड़ी में डेंगू का प्रकोप कम होने लगा है.

गुरूवार को सिलीगुड़ी नगर निगम में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मेयर ने राज्य स्वास्थ विभाग की रिपोर्ट से ही राज्य सरकार पर हमला किया है. मेयर अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम की उपेक्षा कर राज्य सरकार ने एसजेडीए को निगम के खाते के रूपये दिये. डेंगू को लेकर की गयी बैठक में एसजेडीए को ही बुलाया गया. उसी राज्य सरकार के स्वास्थ विभाग ने सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में डेंगू का प्रकोप घटता हुआ बताया है.

उन्होंने बताया कि राज्य स्वास्थ विभाग के अनुसार अब तक सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में 1079 डेंगू के मरीज पाये गये हैं और सिर्फ चार लोगों की मौत डेंगू से हुई है. सिलीगुड़ी में जुलाई महीने से डेंगू के मरीज पाये जाने लगे. जुलाई महीने की प्रथम सप्ताह में सिलीगुड़ी में एक डेंगू का मरीज पाया गया था. दूसरे सप्ताह में 4, तीसरे सप्ताह में 8, चौथे सप्ताह में 7, पांचवे सप्ताह में 17, अगस्त महीने के प्रथम सप्ताह में 12, दूसरे सप्ताह में 60, तीसरे सप्ताह में 77, चौथे सप्ताह में 89, सितंबर के प्रथम सप्ताह में 152, दूसरे सप्ताह में 189 डेंगू के मरीज पाये गये.

जबकि सितंबर के तीसरे सप्ताह से शहर में डेंगू का प्रकोप कम होने लगा. तीसरे सप्ताह में डेंगू के 133 मरीज, चौथे सप्ताह में 75, अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में 67, दूसरे सप्ताह में 40, तीसरे सप्ताह में 50 और बीते अंतिम सप्ताह में डेंगू के मात्र 48 मरीज पाये गये. मेयर ने शहर में अनजान बुखार के बढ़ते प्रकोप से भी इनकार नहीं किया है. लेकिन उन्होंने कहा कि शहर में डेंगू मच्छर का लार्वा और अनजान बुखार का प्रकोप भी कम हुआ है.

उन्होंने आगे बताया कि निगम के आठ सौ स्वास्थ कर्मी शहर के करीब 4 लाख 94 हजार लोगों के घरों का सर्वे किया है. अगस्त महीने के प्रथम चरण में बुखार के 62, दूसरे चरण में 120, सितंबर के प्रथम चरण में 703 और दूसरे चरण में 507 मरीज पाये गये. जबकि अक्चूबर महीने के सर्वे में अनजान बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में कमी आयी.

अक्टूबर महीने के प्रथम चरण में बुखार के 567 और दूसरे चरण में 342 मरीज पाये गये. जुलाई और सितंबर महीने में डेंगू के मच्छरों की संख्या में भी इजाफा हुआ जबकि अक्टूबर महीने में डेंगू के लार्वा में भी कमी आयी है. सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा किये गये सर्वे के मुताबिक अगस्त महीने के प्रथम चरण में 122 और दूसरे चरण में 164, सितंबर महीने के प्रथम चरण में 225 और दूसरे चरण में 235 स्थानों पर डेंगू मच्छर का लार्वा पाया गया.

जबकि अक्टूबर महीने के प्रथम चरण में 75 और अंतिम चरण में 16 जगहों पर लार्वा पाया गया है. राज्य स्वास्थ विभाग की रिपोर्ट के अनुसार शहर में डेंगू का प्रकोप कम होने का पूरा क्रेडिट मेयर ने निगम को दिया है. उन्होंने कहा कि निगम की 156 टीम लगातार ब्लीचिंग व मच्छर मारने की दवा का छिड़काव कर रही है. 17 फॉगिंग मशीन से छिड़काव किया जा रहा है. जहां प्रतिदिन 45 ट्रिप कचरों को डंपिग ग्राउंड तक ले जाया जाता था वहां प्रतिदिन 75 ट्रिप के हिसाब से कचरों को शहर से ले जाया गया है.

निगम की इन सभी गतिविधियों की वजह से शहर में डेंगू का प्रकोप कम हुआ है. इसके बाद भी राज्य सरकार ने निगम के खाते का रूपया गैर संवैधानिक तरीके से एसजेडीए को दे दिया. शहर वासियों में डेंगू के खिलाफ जागरूकता फैलाने में माइकिंग, लीफलेट वितरण, होर्डिंग आदि के अलावा निगम ने प्रत्येक वार्ड पार्षद को जागरूकता अभियान के लिए दस हजार रूपये आवंटित किया है.

शहर के करीब 40 स्कूलों को जागरूकता अभियान के लिए 5 हजार रूपये प्रति स्कूल दिये गये हैं. स्कूलों में प्रजेंटेशन आदि कराया गया. इसके बाद भी नवंबर और दिसंबर महीने में सर्वे और जागरूकता अभियान चलाने के साथ-साथ डेंगू और पूजा के दौरान सफाई के लिए 150 कर्मचारियों को काम पर जनवरी महीने तक जारी रखने का निर्णय निगम ने लिया है. जिसके लिए निगम के फंड से पैसे खर्च किये गये.

Exit mobile version