कोलकाता से जांच दल दार्जिलिंग पहुंचने की खबर, धमाकों की जांच एनआइए करेगी

सिलीगुड़ी. दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में गत अगस्त माह में हुए कई बम धमाकों तथा गत 13 अक्तूबर को पुलिस अधिकारी अमिताभ मल्लिक की कथित मुठभेड़ में मौत और बड़ी संख्या में हथियारों की बरामदगी की जांच केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंप दी गयी है. बताया जाता है कि केंद्रीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2017 11:44 AM
सिलीगुड़ी. दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में गत अगस्त माह में हुए कई बम धमाकों तथा गत 13 अक्तूबर को पुलिस अधिकारी अमिताभ मल्लिक की कथित मुठभेड़ में मौत और बड़ी संख्या में हथियारों की बरामदगी की जांच केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंप दी गयी है.
बताया जाता है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्णय के आधार पर एनआइए के दिल्ली कार्यालय के निर्देशानुसार, कोलकाता से एक टीम रविवार की सुबह सिलीगुड़ी के रास्ते पहाड़ पर पहुंची है. सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर एनआइए के इस दल में तीन सदस्य हैं. इस दल ने तथ्यों को जुटाना शुरू कर दिया है. एनआइए जांच की आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की गयी है, पर इसका मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग और जीटीए के चेयरमैन विनय तमांग ने स्वागत किया है.
आधिकारिक पुष्टि नहीं मोर्चा ने किया स्वागत
बीते दिनों गोरखालैंड आंदोलन के दौरान हुए बम धमाकों व अन्य हिंसक वारदातों में दार्जिलिंग जिला पुलिस ने गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग सहित कई बड़े मोर्चा नेताओं के खिलाफ राजद्रोह, गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था. राज्य सरकार ने इन मामलों की जांच सीआइडी को सौंपी, जिसके बाद कई गोजमुमो नेताओं को गिरफ्तार किया गया. विमल गुरुंग की भी सीआइडी पूर दम लगाकर तलाश कर रही है. इसी क्रम में बीते दिनों दार्जिलिंग के तकवर इलाके में एक कथित मुठभेड़ में दार्जिलिंग सदर थाने में तैनात एसआइ अमिताभ मल्लिक की मौत हो गयी. इस मामले की जांच भी सीआइडी कर रही है.
बंगाल पुलिस द्वारा उक्त सभी मामलों में विमल गुरुंग को जिम्मेदार ठहराया गया है. दूसरी तरफ विमल गुरुंग ने राज्य सरकार पर फंसाने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग केंद्रीय गृह मंत्रालय से की थी. यूएपीए के मामलों की जांच एनआइए कर सकती है. इसी आधार पर एनआइए ने जांच अपने हाथ में ली है. सूत्रों के मुताबिक सीआइडी व राज्य सरकार को एनआइए का हस्तक्षेप खल रहा है. सीआइडी सूत्रों का कहना है कि वह विमल गुरुंग को गिरफ्तार करने के काफी नजदीक पहुंच चुकी है, ऐसे में एनआइए का हस्तक्षेप अनुचित है.

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