राज्य सरकार से मिली राशि नहीं खर्च पाया नगर निगम

सिलीगुड़ी: विकास कार्यों के लिए दिए गए करोड़ों रुपये सिलीगुड़ी नगर निगम खर्च नहीं कर पाया है. राज्य सरकार ने अब उन रुपयों को वापस मांगा है. इस मुद्दे पर सिलीगुड़ी नगर निगम में विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने वाम मोरचा बोर्ड को घेरने की तैयारी की है. इसके अलावा तृणमूल ने आगे से पैसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2017 10:03 AM
सिलीगुड़ी: विकास कार्यों के लिए दिए गए करोड़ों रुपये सिलीगुड़ी नगर निगम खर्च नहीं कर पाया है. राज्य सरकार ने अब उन रुपयों को वापस मांगा है. इस मुद्दे पर सिलीगुड़ी नगर निगम में विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने वाम मोरचा बोर्ड को घेरने की तैयारी की है. इसके अलावा तृणमूल ने आगे से पैसे नगर निगम को नहीं देकर एसजेडीए को देने की मांग की है.

इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर किरणचंद्र श्मशाट घाट को भी एसजेडीए के अधीन करने का प्रस्ताव दिया है. दूसरी ओर नगर निगम के कार्यक्षेत्र में राज्य सरकार व एसजेडीए के हस्तक्षेप पर मेयर ने जोरदार आंदोलन करने की धमकी दी है.
यहां उल्लेखनीय है कि बीते 31 अक्तूबर को राज्य सरकार ने एक पत्र भेजकर सिलीगुड़ी नगर निगम से खर्च न किये गये रुपयों का हिसाब मांगा है. इसके साथ ही आवश्यकता नहीं होने पर उन रुपयों को सरकार को वापस करने का निर्देश दिया है. इस बात को लेकर विरोधी दल ने निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य को घेरा है. मंगलवार को निगम कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए विरोधी दल नेता रंजन सरकार ने बताया कि एक तरफ मेयर अशोक भट्टाचार्य शुरू से ही राज्य सरकार पर आर्थिक असहयोग का आरोप लगा रहे हैं, दूसरी ओर राज्य सरकार द्वारा आवंटित रुपये ही खर्च नहीं हो रहे हैं. सिलीगुड़ी नगर निगम के प्रशासनिक भवन बनाने के लिए राज्य सरकार ने 1 करोड़ 94 लाख रुपये आवंटित किये थे, जो पड़े हुए हैं.
एसजेएसआरवाई, एनयूएचएम व एनयूएलएम जैसी परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार ने दो करोड़ से भी अधिक रूपये निगम को आवंटित किये हैं. इसके अतिरिक्त सिलीगुड़ी के पूर्व विधायक डॉ रुद्रनाथ भट्टाचार्य ने किरणचंद्र श्मशान घाट पर विभिन्न विकास कार्यों के लिए निगम को दस लाख रुपये आवंटित किये थे. निगम यह कार्य भी पूरा नहीं करा सका है. इस विषय पर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार ने नियम के तहत खर्च न किये गये रुपयों का हिसाब सिर्फ सिलीगुड़ी नहीं, बल्कि राज्य के प्रत्येक नगर निगम व नगरपालिका से मांगा है.
राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में 1 करोड़ 95 लाख रुपये आवंटित किये थे
एसएमसी के प्रशासनिक भवन निर्माण के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में 1 करोड़ 95 लाख रूपये आवंटित किये थे. उस समय सिलीगुड़ी नगर निगम पर वामो का कब्जा नहीं था. तब तृणमूल समर्थित कांग्रेस बोर्ड था. शिलान्यास के अलावा उन लोगों ने कोई कार्य नहीं किया. वे रुपये अभी भी पड़े हुए हैं. ये रुपये राज्य सरकार को वापस कर दिये जायेंगे. संविधान के तहत एसजेडीए निगम के समकक्ष नहीं हो सकता. राज्य सरकार किसी भी सूरत में निगम के खाते का रुपये एसजेडीए को नहीं दे सकती और न ही उससे निगम के अधिकार क्षेत्र वाले इलाके में कार्य करा सकती है. डेंगू नियंत्रण के लिए सूडा ने एसजेडीए को जो 29 लाख रूपये दिये वह भी गैरकानूनी है. यदि ऐसा हुआ तो माकपा राज्य सरकार के इस गैरकानूनी गतिविधि को खिलाफ आंदोलन पर उतरेगी. आवश्यकता पड़ने पर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जायेगा. साथ ही देश के प्रधानमंत्री से शिकायत की जायेगी.

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