जलपाईगुड़ी : राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों के कामकाज पर निगरानी की व्यवस्था की है. इस योजना के तहत जलपाईगुड़ी जिले की 80 ग्राम पंचायतों के कामकाज पर निगरानी के लिये जियोग्राफिकल इनफॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) का उपयोग करने का निर्णय राज्य के पंचायत व ग्रामोन्नयन विभाग ने लिया है. गुरुवार को इसी योजना के अंग के रूप में जिले की 80 ग्राम पंचायतों को पंचायत सशक्तीकरण के तहत स्मार्ट मोबाइल फोन दिये गये. इस फोन में पहले से ही विशेष एप अपलोड किया हुआ है.
इस एप के जरिये ग्राम पंचायत की गतिविधियों पर निगरानी रखी जायेगी. इस फोन के उपयोग की जानकारी आज जलपाईगुड़ी शहर के सरोजेंद्र देव रायकत कलाकेंद्र में दी गई. शिविर में उपस्थित रहे पंचायत प्रधान, निर्माण सहायक और पंचायत सचिव जिन्हें फोन के उपयोग के तकनीकी पक्ष से अवगत कराया गया.
जिला ग्राम पंचायत सशक्तीकरण कार्यक्रम के वित्तीय विभाग के संयोजक गौतम चक्रवर्ती ने बताया कि राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं की राशि, आइएसजीपी परियोजना की राशि आवंटन के अलावा पंचायतों में पूरी हुई परियोजनाओं और संपत्ति निर्माण की जानकारी संबंधित पंचायत प्रधान को सचित्र अपलोड करनी होगी. जिला आईएसजीपी के उप संयोजक सुभोवानी विश्वास ने बताया कि उदाहरण के लिये यदि पंचायत क्षेत्र में प्राइमरी स्कूल की स्थापना करनी है
तो उसके लिये मोबाइल फोन में वहां पहले से कोई स्कूल है या नहीं यह सचित्र सामने आ जायेगा. उसके बाद स्कूल की जरूरत को लेकर प्रस्ताव साइट पर अपलोड करना होगा. एप के जरिये पेयजल, सड़क का कितना काम हुआ है इसकी सचित्र जानकारी अपलोड करनी होगी. यह एक तरह से वेब आधारित निगरानी व्यवस्था है.
योजना के जिला प्रकल्प अधिकारी नीलमणि सरकार ने बताया कि इस फोन के एप के जरिये तस्वीरों का बार बार उपयोग कर एक ही योजना का कई बार राशि का घपला संभव नहीं होगा. इन तस्वीरों की मदद से यदि कोई जालसानी करना चाहेगा तो वह तुरंत पकड़ में आ जायेगा. शिविर में मौजूद बारोपोटिया नतूनबस ग्राम पंचायत के प्रधान कृष्ण दास ने बताया कि राज्य सरकार ही यह पहल प्रशंसनीय है. इससे पंचायतों के कामकाज में पारदर्शिता आयेगी. जिला परिषद की सभाधिपति नूर जहान बेगम ने बताया कि इस योजना का मकसद ग्राम पंचायतों को स्वावलंबी बनाकर उन्हें मजबूत बुनियाद प्रदान करना है.
सरकारी राशि का दुरुपयोग रोकना भी एक प्रमुख उद्देश्य है. जिला परिषद के सचिव सैकत गांगुली ने बताया कि सरकारी परियोजनाओं के सही क्रियान्वयन और निगरानी में इससे मदद मिलेगी. उधर, जानकारों का मानना है कि इस योजना के लागू होने से कई पंचायत प्रतिनिधियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. चूंकि इस योजना के जरिये अब ग्राम पंचायतों पर ब्लॉक, जिला और राज्य सरकार से सीधी निगरानी रखी जायेगी. इससे ग्राम पंचायतों में मनमानी पर रोक भी लगेगी, जो इसका सकारात्मक पहलू है.