profilePicture

बांग्लादेशी हिंदुओं को भारत में मिले शरण

नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी को लिखा पत्रप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीपीएम मोदी YouTube से करते हैं करोड़ों की कमाई, केवल एक वीडियो से हुई 10780560 रुपये की आमदनीNepal Violence : क्या 17 साल में 10 प्रधानमंत्री से त्रस्त नेपाल में होगी राजशाही की वापसी?Jayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2017 4:00 AM

नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी को लिखा पत्र

सिलीगुड़ी : सोशल मीडिया पर एक विवादास्पद पोस्ट की वजह से बांग्लादेश के रंगपुर में बसे हिंदुओं के कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया है. बड़ी संख्या में हिंदू परिवार इस घटना के शिकार हुए हैं. गुरुवार को ऑल इंडिया नम:शूद्र विकास परिषद व राजवंशी विकास परिषद ने इस घटना के शिकार बांग्लादेश के हिंदुओं को भारत में शरण देने की मांग की है. दोनों संगठन ने एक साथ एस मांग को लेकर देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी व राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी पत्र लिखा है.
गुरुवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया नमशुद्र विकास परिषद के अध्यक्ष मुकुल चंद्र वैराग्य व राजवंशी विकास परिषद के अध्यक्ष दीप्तु कुमार सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले फेसबुक पर एक विवादास्पद पोस्ट की गयी. बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ एक षड्यंत्र के तहत इस पोस्ट को एक ही दिन में हजारों लाइक व शेयर किया गया. इसके बाद आतंकियों ने रंगपुर के पास बसे हिंदुओ के गांव में पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी. इस घटना का शिकार हुए हजारों हिंदू बेघर हो गये हैं. इसके अतिरिक्त इन्हें विभिन्न तरह से परेशान किया जा रहा है.
मुकुल चंद्र वैराग्य ने कहा कि बांग्लादेश के हिंदू कभी भारत के ही नागरिक थे. जबकि रोहिंग्या से मुसलमान कभी भारत का अंश नहीं थे. फिर भी उन पर हुए अत्याचार के बाद भारत के विभिन्न राजनैतिक संगठन व आला नेताओं ने रोहिंग्या के मुसलमानों को भारत में पनाह देने की आवाज को बुलंद किया था. जबकि कभी भारत का अंश रहे बांग्लादेश में हिंसा का शिकार हुए हिंदू परिवारों का साथ देने के लिए किसी ने भी पहल नहीं की है. उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान व अफगानिस्तान के नागरिकों को भारत में नागरिकता लेने का नियम आसान है. छह महीने का समय भारत में बिताने के बाद वे भारत का नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं,
जबकि बांग्लादेश के नागरिकों को भारत में नागरिकता प्राप्त करने का प्रावधान कठिन है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि ऐसी विषम परिस्थिति में भारत को बांग्लादेश में हिंसा का शिकार हुए हिंदू परिवारों को पनाह देना चाहिए. इसके लिए दोनों संगठन ने एकजुट होकर राज्य की मुख्यमंत्री व देश के प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है. पत्रकार सम्मेलन में दोनों संगठनों के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version