चार दिवसीय सिलीगुड़ी दौरा समाप्त कर लौटीं ममता

सिलीगुड़ी/बागडोगरा. चार दिनों के सिलीगुड़ी सफर के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता लौट गयीं. वह पहले से ही तय समय के अनुसार मिनी सचिवालय उत्तरकन्या से दोपहर करीब 1.30 बजे अपने काफिले के साथ सड़क मार्ग से एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई. मुख्यमंत्री आज फूलबाड़ी, फांसीदेवा-घोषपुकुर बाइपास होते हुए एयरपोर्ट पहुंची. यहां से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2017 8:34 AM
सिलीगुड़ी/बागडोगरा. चार दिनों के सिलीगुड़ी सफर के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता लौट गयीं. वह पहले से ही तय समय के अनुसार मिनी सचिवालय उत्तरकन्या से दोपहर करीब 1.30 बजे अपने काफिले के साथ सड़क मार्ग से एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई. मुख्यमंत्री आज फूलबाड़ी, फांसीदेवा-घोषपुकुर बाइपास होते हुए एयरपोर्ट पहुंची.

यहां से मुख्यमंत्री के विमान ने 3.05 बजे कोलकाता के लिए उड़ान भरा. आज एयरपोर्ट पर ममता के साथ केवल गृह सचिव और मुख्य सचिव दिखायी दिये. कोई भी हेवीवेट नेता-मंत्री आज दीदी के साथ नहीं दिखे. हालांकि हिल्स तृणमूल कांग्रेस (तृकां) के प्रमुख राजेन मुखिया और सिलीगुड़ी महकमा परिषद के विरोधी दल के तृकां नेता काजल घोष को ही एयरपोर्ट पर दीदी से मुलाकात करते देखा गया. दोनों नेताओं ने दीदी को खादा और फूलों का गुलदस्तां देकर अभिनंदन किया. साथ ही काफी देर तक बातचीत भी की.

बागडोगरा तक हाइवे रहा घंटों जाम: ममता बनर्जी के काफिले के वजह से आज उत्तरकन्या से लेकर बागडोगरा तक हाइवे घंटों जाम रहा. दीदी के कोलकाता रवाना होने से कई घंटे पहले ही पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर मुख्यमंत्री के उत्तरकन्या से बागडोगरा एयरपोर्ट तक के पूरे रुट को सील कर दिया. इसके कारण एशियन हाइवे और नेशनल हाइवे में वाहनों की लंबी कतार लग गयी. आलम यह था कि बागडोगरा के गोसाईंपुर तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रही.

इस वजह से उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल जाने वाले मरीजों, एयरपोर्ट जानेवाले पर्यटकों व यात्रियों के अलावा स्कूली बसों में बैठे छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी हुई. वहीं, जाम में फंसे लंबी दूरी वाले बसों व लोकल बसों के मुसाफिरों को भी काफी तकलीफें झेलनी पड़ी. अधिकांश मुसाफिरों को तो विवश हो कर बसों व कारों को बीच रास्ते में ही छोड़कर पैदल ही अपने गंतव्य की ओर जाते भी देखा गया. ट्रॉफिक पुलिस को भी हाइवे जाम मुक्त करवाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और घंटों तक पसीना बहाना पड़ा.

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