नयी दिल्ली/कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की है कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा और विधानसभा के उपचुनाव एक साथ कराये जायें. इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकातकीऔर कहा कि व्यापक जनहित में ऐसा किया जाना चाहिए. आयोग पहले ही पश्चिम बंगाल में साबोंग समेत अलग-अलग राज्यों की खाली हुई कुछ विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर चुका है.
साबोंग से विधायक मानस भुइयां के इस साल 24 जुलाई को इस्तीफा देने और 18 अगस्त को नोआपाड़ा के विधायक मधुसूदन घोष की मृत्यु से राज्य की दो विधानसभा सीटें खाली हुई हैं. उलुबेरिया लोकसभा सीट इस साल चार सितंबर को तृणमूल सांसद सुल्तान अहमद की मृत्यु से रिक्त हुई है.
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तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन और कल्याण बनर्जी ने सोमवार को चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपकर राज्य की दो विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव एकसाथ कराने की मांग की. ज्ञापन में कहा गया हैकि ये तीनों रिक्तियां 24 जुलाई से 4 सितंबर 2017 के बीच हुई हैं, जो डेढ़ महीने से भी कम अवधि है.
ज्ञापन में कहा गया है, ‘तीनों रिक्तियों को एक साथ भरे जाने की आवश्यकता है, ताकि उन क्षेत्रों के मतदाता अपना प्रतिनिधि चुन सकें. जितनी जल्दी ऐसा किया जायेगा, यह न सिर्फ उनके लिए बेहतर होगा, बल्कि इससे प्रचलित परिपाटी का भी पालन होगा.’ अपनी मांग पर जोर देने के लिए तृणमूल ने एक फरवरी, 2017 को मालप्पुरम संसदीय क्षेत्र से सांसद ई अहमद के निधन से पैदा हुई रिक्ति का उल्लेख किया. इस सीट को 20 अप्रैल को उपचुनाव के जरिये 70 दिन के भीतर भरा गया था.