26 साल से एक बुजुर्ग को है किसी का इंतजार
इस्लामपुर : किसी अज्ञात व्यक्ति के इंतजार में कोई व्यक्ति 26 साल से खुले आकाश के नीचे दिन-रात गुजार रहा हो, यह अकल्पनीय लगता है. लेकिन इस्लामपुर महकमा अंतर्गत रामगंज स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 31 के बगल में एक बुजुर्ग ऐसी ही जिंदगी गुजर-बसर कर रहे हैं. भारी वर्षा हो या कड़ी धूप, एक छोटे से […]
इस्लामपुर : किसी अज्ञात व्यक्ति के इंतजार में कोई व्यक्ति 26 साल से खुले आकाश के नीचे दिन-रात गुजार रहा हो, यह अकल्पनीय लगता है. लेकिन इस्लामपुर महकमा अंतर्गत रामगंज स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 31 के बगल में एक बुजुर्ग ऐसी ही जिंदगी गुजर-बसर कर रहे हैं. भारी वर्षा हो या कड़ी धूप, एक छोटे से मचान पर लगभग 70 साल के बुजुर्ग रह रहे हैं. पूछने पर उन्होंने अपना नाम मधु बताया है. इनकी देखभाल आसपास के गांव वाले ही करते हैं.
स्थानीय निवासियों ने बताया कि पहले मधु मिट्टी पर ही सोते थे. लेकिन कुछ दिनों पहले गांव वालों ने उनके लिए बांस की मचाननुमा खाट बना दी है. इनके लिए दो वक्त का खाना भी गांव वाले ही ला देते हैं. गांववालों ने मधु के लिए एक झोपड़ी ही बना देने की पेशकश की थी, लेकिन मधु को यह मंजूर नहीं था. पिछले 26 साल से इस तरह से रहते हुए मधु के साथ गांववालों का आत्मीय संपर्क हो गया है. लोग इन्हें प्यार से भैया या कोई कोई बाबा कह कर पुकारते हैं. इन्होंने अपने को बारिश से बचाने के लिए केवल एक त्रिपाल रखा है. इनके लिए कपड़ों की व्यवस्था भी गांववाले करते हैं.
खूब ज्यादा बातचीत भी नहीं करते
ये खूब ज्यादा बातचीत भी नहीं करते. प्रश्न करने पर कहते हैं कोई आने वाला है. उन्हीं के इंतजार में वे तमाम तकलीफे सहते हुए रह रहे हैं. हालांकि कौन और कहां से आने वाला है, इसका खुलासा वह नहीं करते. स्थानीय निवासी मोहम्मद तसीप ने बताया कि वे जब नौजवान थे तभी से वे बुजुर्ग को देख रहे हैं.
26 साल से यहां ऐसे ही रह रहे हैं
26 साल से यहां ऐसे ही रह रहे हैं. स्थानीय ग्राम पंचायत की ओर से इनके लिए घर बनवा देने का प्रस्ताव आया था, लेकिन मधु ने इस प्रस्ताव को विनम्रतापूर्वक अस्वीकार कर दिया है. इनका कहना है कि वे घर में बंद नहीं रहना चाहते. हाल की बाढ़ में इनकी खाट जब डूबने लगी, तो ग्रामीणों ने मचान को थोड़ा ऊंचा कर दिया. आज भी ये गांववालों के लिए रहस्य बने हुए हैं.