आंबेडकर मेधा पुरस्कार में पिछड़े सरकारी स्कूल के बच्चे

जलपाईगुड़ी : पश्चिम बंग मध्य शिक्षा परिषद के अंतर्गत स्कूलों में अनुसूचित जाति व जनजाति समुदाय के मेधावी छात्र-छात्राओं के चयन में आंबेडकर मेधा पुरस्कार का कोटा पूरा नहीं हुआ, जबकि निजी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों ने इसमें बाजी मार ली है. इनके द्वारा जिन छात्र-छात्राओं की सूची तैयार की गई थी, उनमें सभी को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2017 10:30 AM
जलपाईगुड़ी : पश्चिम बंग मध्य शिक्षा परिषद के अंतर्गत स्कूलों में अनुसूचित जाति व जनजाति समुदाय के मेधावी छात्र-छात्राओं के चयन में आंबेडकर मेधा पुरस्कार का कोटा पूरा नहीं हुआ, जबकि निजी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों ने इसमें बाजी मार ली है. इनके द्वारा जिन छात्र-छात्राओं की सूची तैयार की गई थी, उनमें सभी को मंगलवार को जलपाईगुड़ी सरोजेंद्र देवरायकत कला केंद्र में आयोजित एक समारोह के बीच डॉ बीआर अांबेडकर मेधा पुरस्कार प्रदान किया गया.

इधर, मदरसा बोर्ड के अंतर्गत भी छात्र-छात्राओं का कोटा पूरा नहीं हुआ. यहां भी किसी को मेधा पुरस्कार नहीं मिला. जलपाईगुड़ी जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं आदिवासी उन्नयन विभाग की ओर से बीआर अांबेडकर मेधा पुरस्कार प्रदान किया गया. माध्यमिक उत्तीर्ण जिन छात्र-छात्राओं को 65 फीसदी या उससे अधिक अंक मिले हैं, केवल उनके नाम की सूची तैयार की गई. कोटे के मुताबिक पश्चिम बंग मध्य शिक्षा परिषद को जिले के कई स्कूलों से 37 अनुसूचित जनजाति छात्र-छात्राओं की सूची बनानी थी. लेकिन निर्धारित अंक के अनुसार केवल 11 छात्र-छात्राएं ही इस सूची में शामिल हो सके . इस संबंध में बीआर अांबेडकर मेधा पुरस्कार कमेटी के को-आर्डिनेटर निरंजन चक्रवर्ती ने बताया कि राज्य से यह पुरस्कार प्राप्त करने के लिए 65 फीसद अंक प्राप्त करना अनिवार्य था. पुरस्कार के लिए कई नाम भेजे गये, लेकिन निर्धारित अंक नहीं मिलने से पुरस्कार के लिए चयन नहीं किया जा सका.

जलपाईगुड़ी सदर महकमा शासक रंजन दास ने इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति बच्चों को शिक्षा अर्जन में राज्य सरकार के विभिन्न परियोजनाओं का लाभ उठाने के लिए कहा. उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह का मेधा पुरस्कार लेने के लिए और भी बेहतर अध्ययन की आवश्यकता है. दूसरों को भी इस संबंध में अवगत कराना होगा. उच्च शिक्षा के लिए संकोच की भावना रखना सही नहीं है.

जलपाईगुड़ी के सांसद विजय चंद्र बर्मन ने कहा कि इस संप्रदाय के ही बच्चे अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कर बेहतर परिणाम लाने में सफल रहे. ऐसे में बांग्ला माध्यम में बेहतर परिणाम क्यों नहीं आया,यह देखना होगा. वर्तमान में राज्य सरकार शिक्षा के विकास के लिए कई सुविधाएं दे रही है. उन्होंने बच्चों से कड़ी मेहनत के लिए कहा. इस संबंध में जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं आदिवासी उन्नयन विभाग के जिला परियोजना अधिकारी जीएल फिजों ने कहा कि शिक्षा का मुद्दा छात्र-छात्राओं के लिए पूरी तरह से व्यक्तिगत है. हम केवल सरकारी सुविधाएं मुहैया करा सकते हैं. सोमवार को बांग्ला व अंग्रेजी माध्यम के माध्यमिक स्कूल के अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं में 28 एवं अनुसूचित जनजाति के 17 छात्र-छात्राओं को पांच-पांच हजार रुपये एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया गया. कार्यक्रम में जिला सूचना व संस्कृति अधिकारी सूर्य बनर्जी भी उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version