विभाग के सूत्रों के मुताबिक उत्तर बंगाल में प्राथमिक स्कूलों की संख्या 12 हजार से अधिक है. कूचबिहार में 1800 से अधिक विद्यालय हैं. सरकारी स्कूलों की बदहाली दूर करने के लिए उत्तर बंगाल विकास विभाग ने यह पहल की. सूत्रों के मुताबिक, आवंटित 58 करोड़ में से कूचबिहार जिले को छह करोड़ व अलीपुरद्वार जिले को फिलहाल दो करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं. बाकी 50 करोड़ की राशि उत्तर बंगाल विकास विभाग राज्य के शिक्षा विभाग को सौंपेगा.
कूचबिहार जिला प्राथमिक शिक्षा संसद के चेयरमैन कल्याणी पोद्दार ने बताया कि जल्द ही काम पूरा कर लिया जाएगा. यह बहुत ही अच्छा विचार है. विभाग के इस प्रयास की वजह से सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में अलग आकर्षण होगा. मंत्री रवींद्रनाथ घोष ने गुरुवार को बताया कि प्राथमिक विद्यालयों की हालत वामो के समय में काफी खराब थी. तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आने के बाद स्कूलों में बिजली संपर्क, पेयजल, शिक्षकों की नियुक्ति से हालत में सुधार आई है. इसबार स्कूलों को सफेद व नीले रंग में रंगने का निर्णय लिया गया है. बच्चों के शिक्षा क्षेत्र को सजाने का विचार मुख्यमंत्री का है, उनकी प्रेरणा से ही स्कूलों को नीला व सफेद करने का निर्णय लिया गया है.
विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों के रंग को बदलकर नीला व सफेद करने को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. कूचबिहार के भाजपा जिला अध्यक्ष निखिल रंजन दे ने बताया कि बेवजह पैसों की बर्बादी कर किसी का मनचाहा रंग स्कूलों पर पोता जा रहा है. जबकि बुनियाद ढांचे का विकास नहीं हो रहा है. इससे शिक्षा का स्तर नहीं बढ़ेगा, बल्कि किसी संस्था को आवंटन देकर कमीशन तृणमूल के पॉकेट तक पहुंचेगा. हालांकि तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष व मंत्री रवींद्रनाथ घोष ने बताया कि भाजपा मूर्खों की तरह बात कर रही है. नीला व सफेद दोनों ही रंग सुंदर हैं, इससे बच्चे खुश होंगे.