सिलीगुड़ी में तीन दिवसीय कृषि मेला शुरू, जैविक खेती पर जोर

सिलीगुड़ी: तीन दिवसीय कृषि मेला बुधवार से शुरू हुआ. इस मेले में जैविक कृषि को विशेष महत्व दिया गया है. तीन दिवसीय इस मेले का आयोजन सिलीगुड़ी के 23 नंबर वार्ड स्थित सूर्यनगर मैदान में हो रहा है. इस मेले के उद्घाटन समारोह मेंर स्थानीय तृणमूल वार्ड पार्षद कृष्ण चंद्र पाल, सिलीगुड़ी के महकमा शासक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2017 10:46 AM

सिलीगुड़ी: तीन दिवसीय कृषि मेला बुधवार से शुरू हुआ. इस मेले में जैविक कृषि को विशेष महत्व दिया गया है. तीन दिवसीय इस मेले का आयोजन सिलीगुड़ी के 23 नंबर वार्ड स्थित सूर्यनगर मैदान में हो रहा है. इस मेले के उद्घाटन समारोह मेंर स्थानीय तृणमूल वार्ड पार्षद कृष्ण चंद्र पाल, सिलीगुड़ी के महकमा शासक सिराज दानेश्वर व उत्तरबंग विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर सोमनाथ घोष मुख्य रूप से उपस्थित थे.

इस तीन दिवसीय मेले में दार्जिलिंग जिला अंतर्गत नक्सलबाड़ी, बागडोगरा, माटीगाड़ा, फांसीदेवा, विधान नगर व आस-पास के किसान अपना उत्पाद लेकर शामिल हुए हैं. किसानों ने भी जैविक कृषि को ही विशेष महत्व दिया है.

जैविक तरीके से उत्पादित फल, सब्जी व फूलों को मेले में प्रदर्शित कर जैविक खाद के उपयोग व जैविक कृषि को बढ़ावा देने की कोशिश की गयी है. मेले में कुल 50 स्टॉल लगाये गये हैं. इस मेले में लाये गये जैविक उत्पादों को मूलरूप से प्रदर्शनी के लिए रखा गया है. उद्घाटन के बाद उत्तरबंग विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर सोमनाथ घोष ने भी जैविक कृषि की महत्व को बताया. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में उत्पादन बढ़ाने के लिए काफी मात्रा में रासायनिक खाद का प्रयोग किया जाने लगा है. विभिन्न तरह से कीटनाशक, रसायनिक खाद का उपयोग कर उत्पादन को बढ़ाया जाता है. लेकिन रसायनिक खाद द्वारा उत्पादित फसल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. कीटनाशक के प्रयोग से फसल की गुणवत्ता नष्ट होने के साथ ही मिट्टी की उर्वरता भी नष्ट होती है. जैविक कृषि स्वास्थ्य के साथ-साथ अन्य दृष्टिकोण से भी लाभकारी है. रसायनिक खाद व कीटनाशकों के प्रयोग से जहां मिट्टी, वायु और जल प्रदूषण बढ़ता हैं, वहीं जैविक कृषि प्राकृतिक संतुलन को बनाये रखने में सहायक है. हांलाकि उन्होंने जैविक कृषि व जैविक उत्पादों के महंगे होने की बात से भी इनकार नहीं किया है. अपने संबोधन में वार्ड पार्षद कृष्णचंद्र पाल व महकमा शासक सिराज दानेश्वर ने भी जैविक कृषि के लाभ को बताया . श्री दानेश्वर ने बताया कि सिलीगुड़ी व आस-पास के क्षेत्र में जैविक खेती में किसानों को होने वाली परेशानियों को लेकर भी विचार-विमर्श किया जायेगा. मेले के दौरान तीन दिनों तक विभिन्न तरह के कार्यक्रम का भी आयोजन किया जायेगा. मेले के पहले दिन ही लोगों की काफी भीड़ देखने को मिली.

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