कड़ाके की ठंड में अकेली वृद्धा झोपड़ी के सहारे

साथ में केवल आठ साल का एक पोता रहता है किसी सरकारी योजना का नहीं मिला है लाभ नागराकाटा : लुकसान भुट्टाबारी निवासी वृद्धा ठुलीमाया राई (65) कड़ाके की ठंड का समय एक टूटी झोपड़ी में काटने को मजबूर हैं. उन्होंने कई साल पहले अपने पति को खो दिया है. वहीं इकलौता पुत्र कुछ साल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2018 5:12 AM

साथ में केवल आठ साल का एक पोता रहता है

किसी सरकारी योजना का नहीं मिला है लाभ
नागराकाटा : लुकसान भुट्टाबारी निवासी वृद्धा ठुलीमाया राई (65) कड़ाके की ठंड का समय एक टूटी झोपड़ी में काटने को मजबूर हैं. उन्होंने कई साल पहले अपने पति को खो दिया है. वहीं इकलौता पुत्र कुछ साल पहले काम करने के लिए दूसरे राज्य में गया था, जो आज तक घर लौटकर नहीं आया है. बुढ़ापे का सहारा के नाम पर कक्षा दो में पढ़नेवाला बस आठ वर्ष का एक पोता है. अपना और अपने पोते का पेट भरने के लिए दूसरों के घर में काम करके दो वक्त का भोजन जुटाती हैं. वह वृद्धावस्था भत्ता और विधवा भत्ता जैसी सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हैं.
ठुलीमाया राई के पास घर के नाम पर बांस-सुपारी से बनी दीवारें हैं, जिसकी छत प्लास्टिक की है. कुछ दिन पहले इस घर को एक हाथी ने तोड़ दिया था. इसके बाद उन्होंने खुद ही मरम्मत कर सिर छुपाने लायक बनाया. ठंड में आग जलाकर किसी तरह रात काटने की बात ठुलीमाया कहती हैं. उन्होंने अश्रुपूर्ण शब्दों में कहा कि स्थानीय पंचायत ने घर देने का आश्वासन देकर बैंक में खाता खोलने को कहा. मैंने खाता खोला, पर कुछ नहीं हुआ. पंचायत प्रतिनिधि और नेता मेरे पास आकर सहयोग करने की बात करते हैं, पर बाद में सब भूल जाते हैं. मुझे बस एक घर की जरूरत है. हमारे इस बस्ती क्षेत्र में विकास बोर्ड के माध्यम से कई लोगों का घर बन चुका है, लेकिन मेरा नहीं बना.
स्थानीय पंचायत के विष्णुलाल सुब्बा ने कहा मैंने ठुलीमाया राई के लिए घर का आवेदन भेजा था. लेकिन किस कारण से उनका नाम छूटा, यह जानकारी नहीं है. स्थानीय तृणमूल नेता काजी पांडे ने कहा ठुलीमाया राई वास्तव में एक वृद्ध असहाय महिला हैं. मैं बीडीओ से उनके लिए सहयोग की दरखास्त करूंगा.

Next Article

Exit mobile version