स्कूल के कार्यक्रम के लिए मांगे गये 500 रुपये, अभिभावकों ने किया हंगामा

श्री नरसिंह विद्यापीठ का माहौल गरमाया भारी विरोध के बाद स्कूल ने भी बदला फैसला बागडोगरा : आठारोखाइ श्री नरसिंह विद्यापीठ के 75 साले पूरे होने पर प्लेटिनम जुबली उत्सव मनाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए हर अभिभावकों को 500 रुपये देने का फरमान जारी हुआ है. इससे अभिभावकों में भारी रोष है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2018 6:04 AM
श्री नरसिंह विद्यापीठ का माहौल गरमाया
भारी विरोध के बाद स्कूल ने भी बदला फैसला
बागडोगरा : आठारोखाइ श्री नरसिंह विद्यापीठ के 75 साले पूरे होने पर प्लेटिनम जुबली उत्सव मनाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए हर अभिभावकों को 500 रुपये देने का फरमान जारी हुआ है.
इससे अभिभावकों में भारी रोष है. इसके लेकर बुधवार को काफी संख्या में अभिभावकों ने स्कूल में हंगामा किया. इससे स्कूल का माहौल गरमा गया.
अभिभावकों का कहना है कि भर्ती के लिए 320 रुपये लिये जा रहे है. इसपर किसी को आपत्ति नहीं है. लेकिन उत्सव के नाम पर अतिरिक्त 500 रुपये की मांग से अभिभावकों में गुस्सा है. इधर,स्कूल प्रबंधन ने बताया कि पहले रुपये लिये जा रहे थे, लेकिन अभिभावकों की आपत्ति को देखते हुए इसे बंद कर दिया गया.
एक अभिभावक ने बताया कि इस स्कूल के अधिकांश छात्र-छात्रा गरीब परिवार के हैं. इन परिवारों के लिए अतिरिक्त 500 रुपये दे पाना मुश्किल है. कई परिवारों के 2 से 3 बच्चे स्कूल में पढ़ते है.
ऐसे में उन्हें काफी समस्या हो रही है. इधर सरकारी स्कूलों में रुपये की मांग करने को लेकर स्थानीय लोगों में भी गुस्सा है. इसे लेकर स्कूल संचालन समिति के अध्यक्ष मृणाल गोस्वामी एवं स्कूल के सहकारी प्रधान शिक्षक परेश चन्द्र राय ने बताया कि स्कूल के प्लेटिनम जुबली उत्सव को लेकर शिक्षकों एवं अभिभावकों को लेकर एक बैठक हुयी थी.
सभी की सहमति से ही 500 रुपये चंदा लेने का निर्णय लिया गया था. इसकी रसीद भी दी जा रही है. लेकिन अभिभावकों की ओर से आपत्ति जताने पर चंदा लेना बंद कर दिया गया है.
स्कूल की शिक्षिका तथा महकमा परिषद की सदस्य शर्मिष्ठा चन्द्र राय ने बताया कि बैठक में विद्यार्थियों से 500 रुपये और शिक्षक शिक्षिकाओं के एक दिन का वेतन चंदा के तौर पर लेने का फैसला लिया गया था. जबकि अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में आसपास के विभिन्न इलाकों के जरुरतमंद बच्चे पढ़ने आते है. उनलोगों के लिए 500 रुपये देना मुश्किल है.

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