तीन जरूरतमंद छात्राओं की पढ़ाई की ली जिम्मेदारी
स्कूलों के निर्माण में भी सहयोग का दिया आश्वासन मयनागुड़ी. करीमुल हक की अपील पर महाराष्ट्र के पुणे से एक दम्पती डुआर्स के विभिन्न इलाकों की तीन जरूरतमंद छात्राओं की पढ़ाई की जिम्मेदारी लेने को आगे आये. मंगलवार को पद्मश्री करीमुल हक के साथ शुभमय घोष व अनुराधा घोष ने घर-घर जाकर उन छात्राओं से […]
स्कूलों के निर्माण में भी सहयोग का दिया आश्वासन
मयनागुड़ी. करीमुल हक की अपील पर महाराष्ट्र के पुणे से एक दम्पती डुआर्स के विभिन्न इलाकों की तीन जरूरतमंद छात्राओं की पढ़ाई की जिम्मेदारी लेने को आगे आये. मंगलवार को पद्मश्री करीमुल हक के साथ शुभमय घोष व अनुराधा घोष ने घर-घर जाकर उन छात्राओं से मुलाकात की. इस दंपती की मदद से छात्राओं में जीवन में आगे बढ़ने की उम्मीद फिर से जिंदा हो गयी.
कुछ महीने पहले लाटागुड़ी के झाड़माटियाली इलाके की माधवी राय, क्रांती के रहमतटारी इलाके की शेख हसीना व राजाडांगा के हासखाली इलाके की दृष्टिहीन सबीना परवीन की आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छूटने के कगार पर पहुंच गयी.
यह खबर किसी तरह से समाजसेवी करीमुल हक के कानों तक पहुंच गयी. फिर क्या था, करीमुल हक इनकी मदद करने के लिए जी-तोड़ कोशिश में जुट गये. उसी दौरान करीमुल हक के पास इस दम्पती का फोन आया कि वे समाजसेवा में उनका सहयोग करना चाहते हैं. इस पर करीमुल ने दंपती से जरूरतमंद छात्राओं की मदद का प्रस्ताव दिया.
किसान परिवार की बेटी माधवी को सिविल इंजीनीयरिंग में मौका मिला. लेकिन एडमिशन के लिए पैसे नहीं थे. रहमतटारी के किसान परिवार की शेख हसीना एवं हासखाली की दृष्टिहीन सबीना के पास भी कॉलेज में एडमिशन के लिए पैसे नहीं थे. करीमुल हक की अपील के बाद पिछले कई महीनों से इन तीन छात्राओं के बैंक अकाउंट में जरूरत के अनुसार यह दम्पती पैसे भेजते हैं. मंगलवार को इस दंपती ने उन छात्राओं के घर जाकर उनसे बातचीत की.
पेशे से केंद्र सरकार के जलसम्पदा विभाग के सब असिस्टेंट इंजीनियर अनुराधा घोष व आइटी सेक्टर में कार्यरत शुभमय घोष नि:संतान हैं. उन्हें मीडिया के जरिए करीमुल हक के बारे में पता चला.
इसके बाद उन्होंने करीमुल हक के साथ फोन पर सम्पर्क कर समाजसेवा में उनकी मदद करने की इच्छा जतायी. दूरदराज के इलाके में करीमुल हक के बनाये गये विद्यालयों के लिए भी सहयोग का उन्होंने आश्वासन दिया है.